यहाँ के मुसलमानों ने पेश की मिसाल, मुहर्रम का जुलूस न निकालकर उन पैसों से किया हिंदू शख्स का इलाज

जहाँ देश की कई जगहों पर दुर्गा पूजा विसर्जन और मुहर्रम के मौके पर ताजिया निकालने के दौरान सांप्रादायिक तनाव की घटनाएं सामने आई है।

लेकिन पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में लोगों ने एकता, भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द्र की अनूठी मिसाल पेश की है।

यहाँ के मुस्लिम लोगों ने पिछले हफ्ते मुहर्रम का जुलूस रद्द कर दिया था, जिसके पीछे की वजह ये थी कि उन्होंने एक हिंदू पड़ोसी के इलाज के लिए पैसे दान में दिए थे।

खबर के मुताबिक, खड़गपुर के पुरटन बाजार में मुहर्रम जुलूस का आयोजन करने वाले समाज संघ क्लब ने एक मोबाइल रिचार्ज शॉप के मालिक अबीर भुनिया के लिए 50,000 रुपये जुटाए है, जो कि कैंसर से पीड़ित है।

कोलकाता के सरोज गुप्ता कैंसर केंद्र में भुनिया की कीमोथेरेपी चल रही है और उसे 12 लाख रूपए की जरूरत है जिसमें अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण शामिल है।
इसलिए उनकी मदद के समाज संगठन के सचिव अमजद खान ने इस साल मुहर्रम का जलूस न निकाल कैंसर पीड़ित अबीर की मदद करने का फैसला लिया है। संगठन का कहना है कि मुहर्रम का जुलूस हर साल निकाला जाता है, लेकिन हमें पहले जिंदगी बचाने की ज़रूरत है।
हम उम्मीद करते हैं कि हमारी जुलूस के लिए बजट की तुलना में बड़ी राशि जुटानी चाहिए।

भुनिया ने अपने पड़ोसियों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि, “मुझे नहीं पता कि मैं अंत में ठीक हो जाएगा या नहीं। लेकिन मेरे पड़ोसियों ने जो मेरे लिए क्या किया, वह मेरे दिल को छुआ है। उन्होंने अपने माता-पिता को पिछले साल खो दिया और अपनी पत्नी के साथ रहते है जो एक गृहिणी है और वे अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं।