साल 1984 में पाकिस्तान के लिए पदार्पण करने वाले वसीम अकरम ने कहा कि 1989 में भारत के पाकिस्तान दौरे पर हमने भी सुना था कि 16 साल का एक बच्चा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री कर रहा है।
जब हमने उसे देखा तो लगा कि वह 14 साल का दिख रहा है तो मैंने उससे कहा कि घर में मम्मी से पूछकर आए हो? हालांकि वसीम कहते हैं कि यह सब अनजाने में हुआ था। वह सचिन का काफी सम्मान करते हैं।
क्रिकेट का यह वो दौर था जब अकरम अपनी लेंथ और रफ्तार के लिए जाने जाते थे और सचिन ने अतंरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेलना शुरू ही किया था। दुनिया को अंदाजा नहीं था कि क्रिकेट में नया-नया आया ये बालक आगे चलकर क्रिकेट का भगवान बन जाएगा।
सचिन के नाम सौ शतक दर्ज हैं और अकरम 500 से ज्यादा विकेट लेकर सफलतम गेंदबाजो की सूची में गिने जाते हैं। दोनों खिलाड़ियों का एक दूसरे के प्रति काफी सम्मान है।
एक कार्यक्रम के दौरान वसीम अकरम ने दिलचस्प वाकया सुनाया। सचिन तेंदुलकर ने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था और पहली बार पाकिस्तान का दौरा किया था।
सचिन के सामने स्विंग और रफ्तार दोनों की चुनौती थी।जिसका मुकाबला सचिन ने डटकर किया।