‘द मुसलमान’ दुनिया का पहला ऐसा अखबार जो 91 साल से हाथ से लिखा जा रहा है

चेन्नई की प्रतिष्ठित वाल्लाजह मस्जिद के बगल में एक छोटी सी तंग गली में स्थित अख़बार ‘द मुसलमान’ के दफ्तर में जब आप जायेंगे तो वहां आपको रीड कलम, स्याही की बोतलें, कागज के ढेर दिखाई देंगे, जिनपर सबसे पहले आपकी नजरें जाती हैं। यह शायद दुनिया का ऐसा पहला अखबार है जो 91 साल का हो चुका है और आज भी हाथ से ही लिखा जाता है।

अख़बार शुरू होने के बाद से तीन संपादकों को देखा है। अजातुल्ला उनके पुत्र सैयद फजलुल्ला और अब आरिफुल्ला। चार पेज के ब्रॉडशीट में लगभग सभी लेखों का चयन अरिफुल्ला द्वारा खुद किया जाता है।

उनका कहना है कि वह देश के विभिन्न हिस्सों में उनके कई पत्रकार हैं लेकिन वह द इकोनोमिस्ट की तरह बाईलाइंस नहीं लेते हैं। दो अनुवादक हैं जो उर्दू में खबरों का अनुवाद करते हैं। पेन का इस्तेमाल करते हुए प्रत्येक समाचार आइटम को ब्रॉडशीट में लिखा जाता है।

बता दें कि ‘द मुसलमान’ को 1927 में आरिफुल्लाह के दादा सैयद अजातुल्ला ने शुरू किया था। उन्होंने महसूस किया था कि उस वक़्त मुसलमानों के लिए कोई आवाज़ उठाने वाला नहीं था। जिसके बाद उन्हें लगा कि मुसलमानों की भी एक आवाज होनी चाहिए।