गौ मांस के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या के खिलाफ आदिवासी और मुस्लिम समाज हुए एकजुट

मौके पर आमया के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि  मार्च 2016 से जून 2017 तक तथाकथित गो रक्षकों द्वारा गो तस्करी और प्रतिबंधित मांस के नाम पर नौ लोगों की हत्याएं की गयी है़ं वहीं, बच्चा चोरी के नाम पर भी भीड़ ने 18 लागों की हत्याएं की  है़ं   पुलिस ने पांच लोगों को जान से मारा  है़   इन घटनाओं के शिकार लोगों में  से ज्यादातर  मुसलिम  है़ं   पुलिस द्वारा कई मामलों की जांच में लापरवाही बरती गयी है़  राज्यपाल प्रताड़ना व हत्या के शिकार लोगों काे न्याय दिलाये़ं.
शहर काजी कारी जान  मोहम्मद ने कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देनेवाले मुसलिम, दलित या अल्पसंख्यकों के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे, बल्कि देश के संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे है़ं  हमें संविधान की हिफाजत करनी चाहिए़  झारखंड सरकार सिर्फ बयानबाजी तक सीमित न रहे, बल्कि जो दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करे़ आदिवासी सेना के अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि कुछ बाहरी लोग गो रक्षा के नाम पर झारखंडियों को लड़ाने का काम कर रहे हैं. आदिवासी समुदाय के लोग बेटी के विवाह, खेती-बारी करने के लिए गायों की खरीद- बिक्री करते है़ं   नंदकिशोर सिंह चंंदेल ने कहा कि कुछ फरजी राष्ट्रवादी संगठन विवादों को  धार्मिक और सांप्रदायिक रंग देने का काम कर रहे हैं,  जिसका मुंहतोड़ जवाब देने का समय आ गया है़.
सभा में रंजीत उरांव, डॉ असलम परवेज, अरशद अयूब, एहसान असांरी, मो इम्तियाज, तनवीर आलम, मो मुंतजीर, शमीम अख्तर, रहमतुल्लाह अंसारी, प्रो  जमशेद कमर, इस्मे आजम, अली इमाम, मो नौशाद, अकीलुर्रहमान,  लतीफ, एकराम, फुरकान,  इमरान, अफताब व अन्य ने विचार रखे. राज्यपाल के  नाम ज्ञापन भी दिया गया़.
मुसलिम संगठनों के महाधरना में शामिल हुए बड़गाईं के सैकड़ों लोग
राजभवन के समीप मुसलिम संगठनों के महाधरना  में बड़गाईं के सैकड़ों लोग शामिल हुए. इससे पहले खुर्शीद आलम के नेतृत्व में सभी लोग जुलूस की शक्ल में बड़गाईं बस्ती से निकले और राजभवन पहुंचे. खुर्शीद आलम ने कहा कि गो हत्या व बच्चा चोरी का आराेप लगा कर निर्दोष की हत्या करना बंद किया जाये़   इस प्रकार अफवाह फैला कर दोनों समुदाय में नफरत पैदा करने की कोशिश की जा रही है. चंद लोग इस प्रकार का अफवाह फैला कर अपनी रोटी सेंकते है़ं  इस दौरान  बड़गाईं में दो गुटों मेें हुई मारपीट में निर्दोष के खिलाफ सदर थाना की पुलिस द्वारा कार्रवाई बंद किये जाने की भी मांग की गयी. जुलूस में खुर्शीद आलम, कैसर अहमद, तौफिक आलम, आसिफ, इबादत हुसैन, अनवर अंसारी, अफरोज आलम, मेंहदी हसन, राजू, फैयाज आलम, सरफराज आलम व फैज आलम आदि शामिल हुए़