देश में बढ़ती सांप्रदायिक तपिश के बीच राम नगरी अयोध्या गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करने जा रही है। यहां 15 सितंबर को इंडोनेशिया के 12 मुस्लिम कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे।
यह कार्यक्रम अयोध्या शोध संसथान की तरफ से आयोजित किया गया है जिसमें इंडोनेशिया के कलाकार डॉ राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी में 15 सितंबर की शाम रामलीला का मंचन करेंगे।
यूपी के धार्मिक मामलों और संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि इंडोनेशिया की रामलीला समिति 13 सितंबर से 15 सितंबर तक अयोध्या और लखनऊ में रामायण की यादें ताज़ा करेगी।
इंडोनेशिया के कलाकारों के बारे में बताते हुए मंत्री ने कहा कि सभी कलाकार मुसलमान हैं, वह न तो मांस-मछली खाते हैं और न ही वह किसी भी तरह के हिंसा में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब राज्य में इस तरह की रामलीला आयोजित की जा रही है।
अयोध्या शोध संसथान के डायरेक्टर डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि ये कलाकार 13 सितम्बर को लखनऊ में भी अपना परफॉरमेंस देंगे। सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम इंडियन कौंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन के तत्वाधान में संस्कृति विरासतों के आदान-प्रदान के तहत आयोजित किया जा रहा है।
बता दें कि पिछले साल कम्बोडिया के कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया था। यहां हर साल दूसरे देशों के कलाकार आते हैं और रामलीला का मंचन करते हैं।
वहीं अवध यूनिवर्सिटी के कुलपति मनोज दीक्षित ने बताया कि वैसे तो रामलीला यहां हर साल होती है, लेकिन पहली बार यूनिवर्सिटी में हो रही है। इससे स्टूडेंट्स और टीचरों को भी सीखने का मौका मिलेगा।
प्रो दीक्षित ने कहा कि यह स्टूडेंट्स और टीचरों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी अनोखा अनुभव होगा। क्योंकि रामलीला का मंचन वहां के कलाकार कर रहे हैं जहां की 86 फ़ीसदी आबादी मुस्लिम है।