प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में जार्डन नरेश प्रिंस गाजी के साथ एक समारोह में बोलते हुए कहा था की, पूरी खुशहाली, समग्र विकास तभी संभव है जब आप यह देखें कि मुस्लिम युवाओं के एक हाथ में कुरान शरीफ हो तो दूसरे में कंप्यूटर. इसलिए, आज सबसे ज्यादा ज़रूरत ये है कि हमारे युवा एक तरफ मानवीय इस्लाम से जुड़े हों और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें.
मुस्लिम नौजवानों को लेकर पीएम के दिए गए इस बयान पर धर्मगुरुओं और राजनीतिक पार्टियों से मिलीजुली प्रतिक्रिया रही. पीएम के गृह राज्य गुजरात से मौलाना सैयद जमी अशरफ इस समारोह में हिस्सा लेने आए थे. ये गुजरात के आणंद जिले में मिरन सैयद मस्जिद के मुल्तवी है. समारोह के बाद न्यूज18 इंडिया ने इनसे बात की तो इन्होने पीएम की बातों पर पूरी तरीके से इत्तेफाक रखा लेकिन उनके मन में कुछ सवाल भी थे..उनका कहना था कि जब गुजरात में मोदी सीएम थे तब भी ऐसी बातें उन्होंने कही थी. वो अब पीएम बन गए हैं, चार साल हो गए हैं,लेकिन कंप्यूटर कब मिलेगा जिसका युवाओं को इंतजार है.
जमीयत उलेमा ए हिन्द के कार्यकारिणी सदस्य डॉक्टर सईदुद्दीन काजमी ने पीएम के इस बयान को जमीयत के भी विजन का हिस्सा बताया और कहां कि उनकी संस्था इसी दिशा में काम कर रही है.
मुस्लिम धर्मगुरुओं और विद्वानों के बीच पीएम का ये साफ संदेश है कि आतंकवाद में धार्मिक कट्टरवाद के इस्तेमाल के खिलाफ भारत की मुहिम लगातार जारी रहेगी और सरकार की इस कोशिश में मुस्लिम धर्मगुरुओं को भी लगातार युवाओं को विकास का महत्व समझाना होगा ताकि उन्हें किसी भी तरीके की आतंकवाद से जुड़ी विचारधारा प्रभावित न कर सके.