महाराष्ट्र: मुस्लिम आरक्षण के लिए बुद्धिजीवी लोगों ने बनाई रणनीति!

महाराष्‍ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर जारी आंदोलन के बीच अब राज्‍य में मुस्लिम आरक्षण की मांग उठने लगी है। हालांकि मुस्लिम समुदाय सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने के बजाय शांतिपूर्वक सरकार और राज्यपाल से मिलकर कानूनी तरीके से आरक्षण की मांग करेगा।

आरक्षण की मांग को आगे बढ़ाने के लिए सोमवार को मुस्लिम समाज के नेताओं और संगठनों ने मुंबई के इस्लाम जिमखाना में बैठक की। इसमें मुंबई के कांग्रेस विधायक आरिफ नसीम खान, अमीन पटेल, असलम शेख, एआईएमआईएम के विधायक वारिस पठान, सपा विधायक अबु असिम आजमी सहित बैठक में उलेमा काउंसिल के पदाधिकारी शामिल हुए।

बता दें कि आरक्षण के लिए सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने और मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र को बंद कराने की धमकी देने वाले मुस्लिम नेताओं और संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक में अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब उन्होंने तय किया है कि वे सड़क पर उतरने के बजाय कानूनी और शांतिपूर्वक तरीके से आरक्षण की मांग करेंगे।

बैठक में शामिल लोगों ने कहा कि मुसलमान सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। मुस्लिम को उच्च शिक्षा में 5 फीसदी आरक्षण दिया गया था जिसे अदालत ने बरकरार रखा था, लेकिन सरकार इस पर कार्रवाई नहीं की और अध्यादेश समाप्त हो गया।

उलेमा काउंसिल के महासचिव मौलाना महमूद दरियाबादी ने कहा कि अब नौकरियों और शिक्षा में मुसलमानों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अदलत ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया था, लेकिन मुस्लिम आरक्षण को इस आधार पर कायम रखा था कि समुदाय आर्थिक रूप से पिछड़ा है। ऐसे में मुसलमानों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता नसीम खान ने मुस्लिम समुदाय में गुस्सा भरा हुआ है कि सरकार हमारी मांगों को मंजूरी नहीं दे रही है। हम नहीं चाहते हैं कि माहौल का ध्रुवीकरण हो। इसीलिए हम आरक्षण को पाने के लिए कानूनी साधनों का पालन करेंगे।

उन्होंने कहा कि अब प्रतिनिधिमंडल के जरिये मुख्यमंत्री से मिलेंगे और उनसे जल्द से जल्द मुस्लिमों को आरक्षण लागू करने की बात करेंगे।

इसके अलावा बैठक में आरक्षण की मांग को कानूनी तरीके से लड़ने के लिए वकीलों के नेतृत्व में दो प्रकार की समितियां गठित करने का भी निर्णय लिया गया है।