नई दिल्ली: (सियासत ) राज्यसभा में सरकार द्वारा पेश की गई नवीनतम जानकारी के अनुसार देश की जेलों में लगभग 81000 मुस्लिम कैदी हैं. राज्य मामलों के मंत्री हंसराज गंगाराम ने विभिन्न जेलों में निर्दोष मुसलमानों की कैद की जानकारी के बारे में एक सवाल पर कहा कि केवल अपराधियों और तहवील में लिए गए लोग ही जेलों में कैद हैं.
इस से पहले भी बीबीसी की एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई थी कि भारत की 1387 जेलों में 82 हजार से ज़्यादा क़ैदी मुसलमान हैं जिनमें से लगभग 60 हज़ार विचाराधीन क़ैदी हैं.”
केवल एक फीसदी क़ैदी ही आतंकवाद और संगठित अपराध जैसे गंभीर मामलों में जेलों में बंद हैं जबकि बाकी कैदी आम अपराधों के लिए वहाँ हैं. उनका कहना है कि उनके अपराध जमीन-जायदाद और पारिवारिक विवादों से जुड़े हुए हैं न कि संगठित अपराध की श्रेणी में आते हैं.
देश में मुसलमानों की आबादी के लिहाज़ से यह संखियाँ काफी ज्यादा है. मुसलमान नौजवान मानते हैं कि इसके पीछे एक संगठित सोच काम करती है.
कमजोर वर्ग के पास खुद को निर्दोष साबित करने के लिए कानूनी संसाधन नहीं होते हैं इसलिए भी जेलों में उनकी संख्या अधिक है.