‘तेलंगाना में मुस्लिम आरक्षण में बढ़ोतरी धर्म पर नहीं, सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर की गई’

तेलंगाना में मुसलमनों के आरक्षण वृद्धि मामले पर मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने कहा है कि तेलंगाना में मुस्लिमों को मिलने वाले आरक्षण में बढ़ोतरी धर्म के आधार पर नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर की गई है।

चंद्रशेखर राव में सोमवार को राज्यसभा में कहा कि पिछड़ावर्ग आयोग मुसलमानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर अध्ययन कर रहा है और आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्य में मुसलमानों को दिए जाने वाले आरक्षण में 5 से 6 ​फीसदी की वृद्धि करने के लिए एक विधेयक पेश किया जाएगा।

चन्द्रशेखर राव ने कहा, “अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जनजातियों सहित पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में वृद्धि करने के मकसद से विधेयक को पारित करने के लिए चार-पांच दिन बाद फिर से सत्र बुलाया जाएगा।

बता दें कि टीआरएस ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मुस्लिमों के लिए नौकरी और शिक्षा में आरक्षण बढ़ाने का वादा किया था।

टीआरएस ने वादा किया था कि राज्य में मुसलमानों के 4 फीसदी के आरक्षण को बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया जाएगा। वहीँ अनुसूचित जनजातियों का आरक्षण भी 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का भी वादा किया गया था। चन्द्रशेखर राव ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के पिछड़े वर्ग के लोगों पहले ही पिछड़ा वर्ग (ई) के तहत आरक्षण मिल रहा है।

तेलंगाना सरकार के इस कदम का भारतीय जनता पार्टी ने ये कहकर विरोध किया है कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण दिए जाने की बात नहीं कही गई है।

राज्य सरकार यदि नया विधेयक लाकर आरक्षण में वृद्धि करती है तो तेलंगाना में कुल आरक्षण निर्धारित 50 फीसदी की सीमा को पार कर जाएगा।

इस पर मुख्यमंत्री राव ने कहा कि वे केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय से अपील करेंगे कि तमिलनाडु की तर्ज पर निर्धारित सीमा से अधिक आरक्षण प्रदान करने की इजाजत दी जाए।