एक मुसलमान जो अमेरिका में हजारों मरते हुए बच्चों का सहारा है

लॉस एंजिल्स: अमेरिका में एक मसीहा ऐसा भी है जो जान लेवा बीमारी के शिकार बच्चों को अपने घर में रख कर उन्हें हर तरह से खुश रखने का प्रयास करता है। ये बीमार बच्चे की किसी भी वक्त मौत हो सकती है।

62 वर्षीय मुहम्मद बजीक काफी दिनों पहले लेबनान से अमेरिका आये थे, और्पिच्ले 20 वर्षों से वह ऐसे बच्चों को गोद लेकर उनका इलाज कर रहे हैं, जो अस्पताल जाकर सिर्फ मौत के शिकार होते हैं। मुहम्मद बजीक उन बीमार बच्चों हर तरह से खुश रखने की कोशिश करते हैं। वह उन्हें हंसाते हैं और उम्मीद दिलाते हैं।

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बता दें कि सिर्फ लॉस एंजिल्स में 35 हजार ऐसे बच्चे हैं जो मेडिकल केस मैनेजमेंट सर्विसेज के तहत आते हैं। उनकी तबियत की बेहतरी के लिए उनकी जरूरियात भी बहुत खास होती है, और उन बच्चों को घर के प्यार की बहुत जरुरत होती है। जबकि मुहम्मद बजीक ही एक ऐसा व्यक्ति है जो उन बच्चों को घर के तरह माहौल देता है।

लॉस एंजिल्स में डिपार्टमेंट ऑफ़ चिल्ड्रेन एंड फैमिली सर्विसेज (डीसीएफएस) की मेलसातस टस्टरमेन का कहना है कि जब कोई हमें किसी बच्चे को घर जैसा माहौल देने की गुजारिश करता है तो हमारे दिमाग में सिर्फ मुहम्मद बजीक का नाम आता है। उनहोंने कहा कि ऐसे बच्चों को सिर्फ बजीक ही देख सकता है।

वहीँ मुहम्मद बजीक का कहना है कि उन बीमार बच्चों को अपने बच्चों की तरह प्यार किया जाय, मैं जानता हूँ कि वह मौत की तरफ अग्रसर है। मैं इन्सान होने के नाते पूरी कोशिश करता हूँ कि उन्हें सबकुछ दे सकूँ, और बाद में उन्हें अल्लाह के हवाले कर दिया जाए।