देवबंद। प्रसिद्ध धार्मिक संस्था दारुल उलूम देवबंद ने शनिवार को एक फतवा जारी करते हुए कुछ महिलाओं को इस्लाम से ख़ारिज कर दिया है। इन महिलाओं ने वाराणसी में दिवाली के दिन भगवान राम की आरती की थी, जो इस्लाम में जायज़ नहीं है।
खबर के मुताबिक दारुल उलूम देवबंद के आलिमों ने उन महिलाओं को इस्लाम से खारिज कर दिया है। इस मामले में दारुल उलूम ज़करिया के अध्यक्ष मुफ्ती अरशद फारूकी सहित अन्य आलिमों ने कहा कि मुसलमान केवल अल्लाह की इबादत कर सकते हैं। जिन महिलाओं ने दुसरे धार्मिक विश्वासों को अपनाते हुए यह सब किया है वह इस्लाम से ख़ारिज है।
इस्लाम में अल्लाह के सेवा किसी अन्य धर्म के साथ मोहब्बत और नरमी तो बरती जा सकती है, लेकिन पूजा नहीं की जा सकती है। इस लिए बेहतर है कि वे अपनी गलती मान कर तौबा करे और दुबारा कलमा पढ़ कर इस्लाम अपनाये।
उल्लेखनीय है कि प्रधनमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने दिवाली के अवसर पर राम की आरती उतारी और हनुमान चालीसा का पाठ किया था। ये मुस्लिम महिलाएं राम को अपने विश्वासों का केंद्र मानती हैं और हर साल दिवाली के मौके पर वह उन की आरती उतारने के साथ हनुमान चालीसा का पाठ कर दीप जलाती हैं।