कुआलालम्पुर: मलेशिया के इस्लामिक अफ़ेयर्स के डिप्टी मंत्री डॉक्टर असयरफ वाजदी दुसकी ने आज खेद प्रकट करते हुए कहा की मुसलमान सिर्फ़ खाने के हलाल होने की फ़िक्र करते हैं, पैसे का स्रोत हलाल है या हराम इसपर ध्यान नहीं देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कहा की लोग इस्लाम को सिर्फ़ श्रद्धा से सम्बंधित समझते हैं जबकि हलाल और हराम का मुद्दा इस्लाम में हराम और सज़ा के लायक है उसको एक उपभोग के तौर पर देखा जाता है।
एक सेमिनार के दौरान इस्लामिक आर्थिक संस्थानो और ख़ैरात की बात करते हुए असिरफ ने कहा कि हलाल और हराम का मुद्दा मुसलमानो में सबसे बढ़ कर है। लेकिन जब बात आती है की हलाल खान ख़रीदने के पैसों का स्रोत क्या है तो वहाँ इस तरह की कोई फ़िक्र नहीं नज़र आती है।
उन्होंने आगे कहा कि जब गोश्त ख़रीदने की बात आती है तो लोग इस बात के बड़े फ़िक्र मंद होते हैं की गोश्त को शरीयत के नियम से हलाल किया गया है या नहि लेकिन उसको ख़रीदने में जो पैसा लग रहा है वो हलाल है या हराम इस बात में किसी की दिलचस्पी नहीं रहती है। यह हमारे आज के समाज की सच्चाई है।