कलमा पढ़ने वाले को पुरी दुनिया में एकजुट होना होगा, वर्ना हमारा कोई महत्व नहीं रहेगा- उलेमा ए केराम

मदरसे आतंकवाद के अड्डे नहीं , बल्कि इस्लाम और धार्मिक शिक्षा के मज़बूत क़िले हैं। और इन मदरसों में इंसानियत का पाठ पढ़ाया जाता है ,और मानवता की सेवा करने की शिक्षा दी जाती है।उक्त बातें भारत नेपाल की सीमावर्ती क्षेत्र कन्हवा सीतामढ़ी में स्थित मदरसा अशरफ उल उलूम में आयोजित शताब्दी समारोह से खिताब करते हुए मुफ्ती राशिद क़ासमी ने कहा,और बताया कि उलमाए केराम इन मदरसों से शिक्षा ग्रहण कर समाज में फैली बुराई को मिटाने का प्रयास करते हैं और नेकी का पैगाम आम आवाम तक पहुंचाते हैं ।

जबकि मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि क़ुर्आन और हदीस की शिक्षा ह़ासिल करने के साथ-साथ साइंस और टेक्नोलॉजी की उच्च शिक्षा ग्रहण करने की आवश्यकता है । इसलिए कि इस आधुनिक युग में बग़ैर साइंस और टेक्नोलॉजी की शिक्षा के हम इस्लाम का पैगाम लोगों तक नहीं पहुंचा सकते हैं ।

जबकि जमीयत उलेमा नेपाल के महासचिव मौलाना खालिद सिद्दीकी ने कहा कि तमाम मक्तबे फिक्र के लोगों को कलिमा की बुनियाद पर एकजुट होने की आवश्यकता है। और जब तक हम एक प्लेटफार्म पर एकजुट नहीं होंगे,उस वक्त तक किसी क्षेत्र में हमारा कोई महत्व नहीं रहेगा।समारोह की अध्यक्षता मौलाना अरशद आजमी ने की। जबकि संचालन मौलाना आफताब आलम क़ासमी ने किया।

इस मौके से मौलाना इज़हार उल हक मुजाहिरी, मौलाना जुबेर अहमद क़ासमी, मौलाना फारूक़ अहमद, मौलाना इनायत उल्लाह कासमी, मौलाना ज़हीर अहमद, मौलाना ख़तीबुर्रहमान नदवी, पूर्व एम एल सी प्रो०असलम आज़ाद, मोहम्मद असद,कांग्रेस युवा अध्यक्ष मोहम्मद शम्श शाहनवाज,बिहार प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मोहम्मद परवेज आलम अंसारी, प्रो० शफी हैदर, सहाफी मोहम्मद शम्स तबरेज, तालिब हुसैन आज़ाद, इकराम उल हक़, एमपी अर्जुन राय, पूर्व सांसद सीताराम यादव ,सीतामढ़ी विधायक सुनील कुशवाहा, डा० साजिद अली उपस्थित थे । इस अवसर पर बिहार राज्य के कई जिलों से हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।