इटावा में सपा से मुसलमान नाराज़

सियासत संवाददाता: शुरू से मुसलमानों की पहली पसंद रही समाजवादी पार्टी की पकड़ अब शायद मुस्लिम समुदाय पर अपनी ढीली होती जा रही हैं. मुलायम सिंह यादव जिनको मुल्ला मुलायम भी कहा जाता रहा हैं भी अब दूर से ही तमाशा देख रहे हैं.

मुसलमानों की सपा से दूरी आपको सीधे देखने को मिलेगी जैसे ही आप मुलायम के गृह जनपद इटावा में जायेंगे. वहां पर मुसलमान अब खुल कर सपा के कैंडिडेट का विरोध कर रहे हैं. वैसे इटावा सीट पर मुलायम की पकड़ का अंदाज़ा २०१४ लोक सभा चुनाव में ही हो गया था. तब मुलायम सिंह यादव ने रामलीला ग्राउंड पर मीटिंग की थी और कहा था कि इटावा से सपा के कैंडिडेट को हारने मत देना वरना देश में गलत सन्देश जायेगा क्योंकि ये जिला उनका था. लेकिन उनकी बात का असर न के बराबर हुआ और सपा का कैंडिडेट हार गया.

इस बार 2017 में सपा नए रूप में आई है और अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं. मुलायम चुप हैं. प्रचार में भी नहीं निकल रहे हैं. सपा ने अपने मौजूदा विधायक रघुराज शाक्य का टिकट काट दिया हैं. शाक्य ने भी अपने समर्थको के साथ फिर पार्टी छोड़ दी और शिवपाल यादव के खेमे में चले गए हैं. सपा ने कुलदीप गुप्ता संतू को टिकट दिया हैं. कुलदीप रामगोपाल यादव खेमे के बताये जाते हैं.

बात मुसलमानों की नाराज़गी की, अगर आप किसी से भी पूछे तो बात नगर पालिका परिषद् चुनाव पर चली जाती हैं. कुलदीप नगर पालिका परिषद् इटावा के चेयरमैन भी हैं. पिछले चेयरमैन के चुनाव में सपा ने नफीसुल हसन अंसारी को चेयरमैन पद के लिए खड़ा किया. कुलदीप गुप्ता निर्दलीय खड़े हुए और बताया जाता हैं की अंदरखाने से इनको यादव परिवार का सपोर्ट मिल गया. नतीजा, नफीसुल हसन अंसारी चुनाव हार गए. इस बात को मुसलमान नहीं भूल पा रहा हैं. जब कुलदीप को जितवाना था तो नफीसुल को क्यों खड़ा किया, अगर किया तो फिर वोट क्यों नहीं दिलवाया. अब जब मुलायम भी सीन से गायब हैं तो विरोध भी खुला हो रहा हैं. उनका सीधा कहना हैं कि हमारे प्रत्याशी को नगर पालिका के चुनाव में साजिशन हरवाया गया तो अब हम क्यों उनको वोट करें.

इसीलिए चौकियेगा नहीं अगर रिजल्ट कुछ और भी निकले. यूँ समझे कि मुलायम का किला भी अब दरक रहा हैं. मुसलमानों के अलावा शाक्य समाज भी अपने विधायक रघुराज शाक्य का टिकट काटने से नाराज़ हैं. उधर बसपा ने ब्राह्मण कैंडिडेट नरेन्द्र नाथ चतुर्वेदी को टिकट दे कर समीकरण बिगाड़ दिया हैं. भाजपा से सरिता भदौरिया भी क्षेत्र की पुरानी नेता हैं ऐसे में अब मुलायम को अपना घर बचाना मुश्किल लग रहा हैं. लेकिन क्षेत्र में चर्चा है की मुलायम की चुप्पी ने सब कुछ बयान कर दिया हैं. सपा के उम्मीदवार कुलदीप गुप्ता को सपा के गढ़ इटावा से जीतना मुश्किल लग रहा हैं.