मुस्लिम महिलाओं ने बुधवार को झारखंड के अलग-अलग जिलों में तहफ्फुज-ए-शरीयत मुस्लिम ख्वातीन की अगुवाई में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने वाले कानून को वापस लेने की मांग की।

सिमडेगा, रामगढ़ में हजारों महिलाएं जुलूस में शामिल हुईं और बैनर, पोस्टर के जरिये सरकार को संदेश दिया कि उन्हें सरकार का नया कानून मंजूर नहीं है। उन्हें शरीयत पसंद है और वे इस्लामिक कानून के अनुसार ही चलेंगी।

यहां पर महिलाओं ने कहा कि तीन तलाक कानून को किसी भी कीमत पर नहीं मानेंगी। यह कानून शरीयत के खिलाफ है। तलाक से संबंधित जो कानून शरीयत में लागू है, वे उसका ही पालन करेंगी. जुलूस में भारी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं।

दूसरी तरफ, राजधानी रांची से सटे रामगढ़ जिले में भी इस कानून के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं ने मौन जुलूस निकाला। चितरपुर में निकले इस जुलूस में करीब 3,000 महिलाएं शामिल हुईं।
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चल रही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने पिछले दिनों संसद में तीन तलाक कानून पास किया था।
इसका उद्देश्य उन मुस्लिम महिलाओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान करना था, जो तीन तलाक के बेजा इस्तेमाल की शिकार होती हैं और दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हो जाती हैं।
नये कानून का मुस्लिम महिला संगठनों के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी समर्थन और स्वागत किया। हालांकि, कुछ मौलवियों ने इस कानून का खुलकर विरोध करते हुए इसे मजहबी नियमों में सरकार की दखलंदाजी करार दिया था।
साभार- प्रभात खबर
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