देबवंद : दारुल उलूम ने दो टूक कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को किसी तरह के भी उपहार से बचना चाहिए। नगर के मोहल्ला कायस्थवाड़ा निवासी अधिवक्ता राघवेंद्र कंसल ने दारुल उलूम देवबंद से ऑनलाइन सवाल कर पूछा था कि ‘क्या किसी हिंदू प्रत्याशी द्वारा मुस्लिम समाज के लोगों में चुनाव के दौरान बांटी गई जानमाज (मुसल्ले) पर नमाज अदा की जा सकती है?
इस सवाल के जवाब में दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता विभाग ने फतवा संख्या 320/276 में जवाब देते हुए कहा कि चुनाव के दौरान बांटी गई चीजों का उद्देश्य सिर्फ वोट हासिल करना होता है। चुनाव के दौरान बांटे जाने वाले तोहफों से बचना चाहिए। इतना ही नहीं यदि किसी व्यक्ति द्वारा इसी उद्देश्य से जानमाज (मुसल्ला) बांटा गया है तो उस जानमाज पर भी नमाज पढ़ना गलत है, इसलिए चुनाव के दौरान मिली जनमाज पर नमाज पढ़ने से बचना चाहिए।
दारुल उलूम के फतवा विभाग की खंडपीठ में शामिल मुफ्ती वकार अली, मुफ्ती हबीबुर्हमान, मुफ्ती मोहम्मद हसन ने 21 दिसंबर को जारी फतवे में कहा कि उक्त जानमाज (मुसल्ला) पर नमाज पढ़ने से बचना चाहिए। दारुल उलूम द्वारा जारी फतवे पर अरशद फारुकी ने दारुल उलूम के फतवे को सही बताते हुए कहा कि इस्लाम में हर काम का दारोमदार उसकी नियत पर शामिल होता है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जो भी तोहफे बांटे जाते हैं, उनका मकसद वोट हासिल करना होता है और यह तोहफे रिश्वत के समान होते हैं। इसलिए ऐसी चीजों के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए