मुज़फ्फर नगर दंगा: आरोपियों के मुकदमे वापस लेना पक्षपात और तंग नजरी का काम है: मौलाना अरशद मदनी

देवबंद: राज्य सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि 2013 में होने वाले मुज़फ्फर नगर दंगे में लिप्त सभी आरोपियों के खिलाफ दायर 400 मुकदमे वापस लिए जायेंगे।

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गौरतलब है कि एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाक़ात करके मुज़फ्फर नगर दंगे की विवरण बताते हुए कहा था कि मुज़फ्फर नगर के दंगे के बीच 500 से अधिक केस दर्ज किये गये थे, जिन में लगबग 400 केस आगज़नी के थे। प्रतिनिधि मंडल आगज़नी के मुकदमे को फर्जी बताते हुए उन्हें वापस लेने की मांग किया था।

भाजपा के सांसद संज्यु बालियान, नरेश टकेत औइर संगीत सोम ने मुख्यमंत्री को बताया कि कुछ लोगों ने इस दंगे के बीच अपने घरों का सामान, लिहाफ कंबल वगैरह जला डाले थे और आगज़नी का मुक़दमा दर्ज कराकर मुआवजा वसूल किया।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया था कि कानूनविदों से राय लेकर मुकदमे वापस करने पर गौर किया जाएगा। जमीअत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी का कहना है कि मुज़फ्फर नगर दंगे में 50 हजार लोग बेघर हुए थे, जिनका संबंध अल्पसंख्यक से था दंगे में 60 लोग मारे गए थे जबकि उन लोगों के खिलाफ 500 से अधिक मुकदमे दर्ज करके 6 हजार 867 लोगों को आरोपी बनाया गया था।