घटना इरशाद के नगला स्थित गांव से 12 किलोमीटर दूर रतनपुरी थाना क्षेत्र में घटी। गांववालों का कहना है कि उन लोगों ने इरशाद को कभी पिकअप चलाते नहीं देखा। इरशाद के पड़ोसी फरमान अहमद ने कहा, ‘मैंने सोमवार की रात दस बजे इरशाद को घर के बाहर चारपाई पर सोते देखा था। उसके बाद सुबह मैंने उसके एनकाउंटर की बात सुनी। मेरे लिए यह बहुत ही चौंकाने वाली बात थी क्योंकि पुलिस उसके पिकअप चलाने की बात कह रही है और इरशाद ड्राइविंग ही नहीं जानता था। उसने अपनी अब तक की जिंदगी में कोई गाड़ी नहीं चलाई थी।’ इरशाद के पिता ने बताया कि उनके पास छोटी सी जमीन है। उसी से घर का पालन-पोषण होता है। कभी-कभी उन्हें परिवार का खर्च चलाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली में ईंट उतारने और चढ़ाने का काम करना पड़ता है। उन्होंने बताया, ‘इरशाद सोमवार को देर से घर आया था। रात को खाना खाने के बाद वह घर के बाहर सो गया। मैं भी थका हुआ था इसलिए सो गया। मुझे नहीं पता चला कि कब उसे ले जाकर मार दिया गया।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे का कोई आपराधिक रेकॉर्ड नहीं है। यहां तक की उसका कभी चालान तक नहीं काटा गया। मैं हैरान हूं कि पुलिस कैसे कह सकती है कि मेरे बेटे ने उनके ऊपर फायरिंग की और बदले में उन्होंने उसे गोली मार दी। मैं चाहता हूं कि इस मामले में सीएम योगी हस्तक्षेप करें और जांच कराकर दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई करें।’