लीची कारोबारियों को लगभग 100 करोड़ के नुक़्सान की आशंका
देश के सबसे बड़े लीची परिक्षेत्र मेहसी के किसान एवं लीची व्यवसाई कलेजा पीटते नज़र आ रहे हैं। क्योंकि अज्ञात लाल रंग के किटाणु बडी तेज़ी से हमला कर रहे हैं । और अपने डंक से फल को चूसते किटाणू लगभग सभी लीची के बागान में प्रवेश कर चुके हैं ।अगर अविलंब इस पर कार्यवाही नहीं हुई तो करोड़ों के लीची पूरी तरह नष्ट हो जाएंगे। पहली बार लीची के फसल पर किटाणुओं ने इस प्रकार का बड़ा हमला किया है ।
पिछले एक सप्ताह से लाल रंग के इन कीटों का हमला हुआ है । टिड्डी दल की तरह आए इन कीटों के कारण लीची व्यवसाई पूरी तरह बेजार हो चुके हैं । करीब साढ़े ग्यारह हजार हेक्टर में फैले लीची के बागों के लाखो टन लीची के पूरी तरह नष्ट हो जाने की संभावना है।
इससे किसानों को लग भग 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होने की संभावना है। किसान भुखमरी एवं फुटपाथ पर जाने की विवश हो जाएंगे ।यह प्रकोप मिर्जापुर ,रमपुरवा, ओझिलपुर ,कस्बा गोपाल, सुलसाबाद ,बरहरवा ,चक अब्दुल गनी ,घरयारीचक, दामोदरपुर,मैन मेहसी, समदपुर,बथना सहित करीब 25 से 30 गांव में यह किट देखा गया है जो अन्य गांव के बगीचे में भी फैलने की संभावना है।
इसके चलते किसान कलेजा पीट रहे हैं,लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है ।लीची व्यवस्था ही काफी निराश नजर आ रहे हैं क्योंकि उनकी करोड़ों की पूजी डूबने के कगार पर है ।अगर इन कीटों पर नियंत्रण नहीं पाया जाता है तो लगभग 100 करोड़ की लीची का नुकसान हो सकता है वही किसानों को दिए गए अग्रिम बाजने को तैयार हैं व्यवसाई।
इस संदर्भ में लीची पुरम उत्सव समिति के महासचिव सुदिष्ट नारायण ठाकुर ने मोतिहारी स्थित पौध संरक्षण केंद्र एवं कृषि विज्ञान केंद्र पिपराकोठी से मिलकर समस्या से अवगत कराया। उन्होंने सहायक निदेशक पौध संरक्षण केंद्र एवं निदेशक कृषि विज्ञान केंद्र से आग्रह किया है कि अविलंब लीची अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों को मेहसी भेजकर किसानों के फसल पर हो रहे इस कीट के प्रकोप से निजात दिलाई जाए।
उधर किसानों ने केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री सह स्थानीय सांसद राधा मोहन सिंह से गुहार लगाई है कि इस दिशा में अविलंब पहल करें और किसानों को होने वाली करोड़ों रुपए के नुकसान से निजात दिलाएं ।
मांग करने वाले किसानों में अबुल कलाम आजाद, हैदर अली, अलीइमाम कुरेशी, मुखिया सत्येंद्र सिंह ,संजय सिंह, राधेश्याम सिंह, कृष्णा नारायण ठाकुर , रिजवान अहमद अतीकुर्रहमान, शाहिद रजा ,मदन भगत, आबिद हुसैन, मोहम्मद फारुक सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल है।
(बिहार, मोतिहारी से अनीसुर्रहमान चिश्ती की रिपोर्ट)