पहलू खान के बेटे बोले, मेरे वालिद पशु तस्कर नहीं थे

जयपुर। एक अप्रैल को अलवर में एक भीड़ द्वारा 55 वर्षीय पहलू खान डेयरी फार्म के लिए गायों को ले जा रहा था जिसे गौरक्षकों ने बेरहमी से पीटा जिसके चलते दो दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई थी।

 

 

 

हिन्दुस्तान टाइम्स की जांच में पता चला है पहलू खान के पुत्र को दो अदालतों द्वारा मवेशियों के तस्करी के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है जबकि राजस्थान गृह के मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने सोमवार को राज्य विधानसभा में कहा कि खान गाय तस्करों के एक परिवार से थे और उन्होंने उनके बेटे के खिलाफ दो मामलों का हवाला दिया था।

 

 

 

लेकिन खान के बड़े बेटे इरशाद को दोनों मामलों में बरी कर दिया गया है जो गौक्षकों या गायों के स्वयंभू संरक्षक द्वारा दायर किए गए। वर्ष 2011 में हरियाणा के रोहतक में दूसरा और नूह में पहला मामला दर्ज किया गया था। इरशाद ने कहा कि वह 2015 में दोनों मामलों में बरी कर दिया गया था।

 

 

 

 

उनके 55 वर्षीय पिता के खिलाफ और उसके खिलाफ कोई मामला नहीं था जिससे साफ़ है कि पहलू खान पशु तस्कर नहीं था। इरशाद ने कहा कि उनके पिता की मौत गौरक्षकों ने की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त में समाज में तनाव पैदा करने के लिए उनको दोषी ठहराया था और कार्रवाई करने की मांग की थी।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि उन्हें झूठा फंसाया गया था। बयान के आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ गाय क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। एनयूएच और रोहतक में पुलिस ने कहा कि इन मामलों को गौरक्षकों के समूहों की शिकायतों पर दर्ज किया गया। हरियाणा के एक समूह के अध्यक्ष आचार्य योगेंद्र आर्य पुलिस निष्क्रियता को दोषी ठहराते हैं।

 

 

 

 

 

मामले में कुछ नहीं हुआ है। राजस्थान के गृह मंत्री के बयान के बाद विपक्ष ने कहा कि बीजेपी सरकार असली अपराधियों को पकड़ने के बजाय पीड़ित के खिलाफ मामले को बदलने की कोशिश कर रही है।

 

 

 

 

पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को कहा कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने सदन में कटारिया के वक्तव्य का जवाब नहीं दिया।