म्यांमार में अब बच्चों को गोली मार रही है सेना, रोहिंग्या मुसलमानों के 1,200 घर तोड़े, 700 घरों में लगाई आग

बांग्लादेश: म्यांमार में 25 अगस्त से फैली हिंसा ने भयानक रूप ले लिया है। वहां रोहिंग्या मुसलमान और सेना के बीच संघर्ष चल रहा है।
जिसमें अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक़ म्यांमार में 10 लाख रोहिंग्या मुसलमान हैं।

ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक सैटलाइट तस्वीर जारी की है, जिससे ये सामने आया है कि बीते डेढ़ हफ्ते के अंदर राखाइन प्रांत रोहिंग्या मुसलमानों के 1,200 घरों को तोड़ दिया गया और 700 घरों को आग लगा दी गई।

बताया जा रहा है कि 26-27 अगस्त को म्यांमार के सैनिकों ने उनके गांव में गोलीबारी की थी। हिंसा से बचकर भागे चश्मदीदों ने बताया कि सेना और पैरामिलिटरी फोर्स बच्चों को गोली मार दे रही है।

म्यांमार सेना द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के गांव कथित तौर पर जलाए जाने के बाद शरणार्थियों की एक बड़ी संख्या बांग्लादेश पहुंच रही है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 25 अगस्त के बाद म्यांमार से करीब 90,000 शरणार्थी बांग्लादेश पहुंचे हैं। इनमें ज्यादातर रोहिंग्या हैं।

अभी करीब 20,000 लोग बांग्लादेश- म्यांमार की सीमा पर पहुंचे हैं और बांग्लादेश में घुसने के इंतजार में हैं। रोहिंग्या मुसलमानों के साथ करीब पांच सौ हिंदू भी कॉक्स बाजार पहुंचे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने सेना की इस कार्रवाई को मानवता के खिलाफ अपराध बताया था।

आपको बता दें की रख़ाइन प्रांत में 2012 से सांप्रदायिक हिंसा जारी है। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई हैं और एक लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।