मैसूर: चरावाका सामाजिक और सांस्कृतिक ट्रस्ट की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। दरअसल रविवार को मैसूर के कालामंदिर में “खाद्य संस्कृति और व्यक्तिगत आज़ादी” के शीर्षक पर 3 दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ था। आयोजकों पर आरोप है कि उन्होंने कलामंदिर के ऑडीटोरियम में बीफ परोसा है।
रिपोर्ट के मुताबिक आयोजकों ने इस कार्यक्रम में नाश्ता और दोपहर के भोजन का इंतेज़ाम किया था, जिसमें चिकन और बीफ की डिश थी। बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को इस कार्यक्रम में बीफ परोसने पर आपत्ति जताई। और कलामंदिर के बाहर शुद्धिकरण समारोह का आयोजन किया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक घटना की निंदा करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने आम के पत्तों के इस्तेमाल से गोमूत्र का छिड़काव किया।
बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष संपत कुमार ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हम माने अंगाला ऑडीटोरियम में बीफ परोसे जाने की निंदा करते हैं। स्थल का उपयोग संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
लेकिन रविवार को एक कार्यक्रम आयोजक ने प्रतिभागियों को बीफ परोस कर उनकी पवित्रता को खराब कर दिया है। यहां तक कि दाएं-पंथ समूहों ने संगोष्ठी में बीफ परोसने की निंदा की।
डिप्टी कमिश्नर डी रणदीप ने कहा कि कार्यक्रम आयोजकों ने खाने का इन्तेजाम करके नियमों का उल्लंघन किया है। मुद्दा यह नहीं है कि वे बीफ खा रहे हैं या नहीं, मुद्दा यह है कि भोजन स्थल के अंदर परोसा गया। जिससे मानक नियमों का उल्लंघन हुआ है। जबकि यहां अगर खाना परोसा जाता है तो वह केवल शाकाहारी खाना होना चाहिए जिसे कलामंदिर के बाहर परोसा जाए।
कन्नड़ और संस्कृति विभाग ने आयोजकों को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वह उनके जवाब के आधार पर कार्रवाई करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार आयोजकों को कलमांदिर में भविष्य में होने वाले आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है।