पूर्वी दिल्ली नगर निगम की एक समिति ने प्रस्ताव रखा है कि स्थानीय निकाय के अधिकार क्षेत्र में मांस परोसने या बेचने वाले सभी रेस्तरां और मांस विक्रेताओं के लिए बोर्ड पर यह प्रदर्शित करना अनिवार्य होना चाहिए कि गोश्त ‘हलाल’ है या ‘झटका’. भाजपा की अगुवाई वाले दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति ने कल इस संबंध एक प्रस्ताव पारित किया.
दिल्ली नगर निगम की अनुमति का इंतजार
पैनल के निर्णय को दिल्ली नगर निगम की अनुमति मिलने के बाद नगर निगम आयुक्त के लागू करने का इंतजार है. यह प्रस्ताव कई तर्को पर आधारित है जिसमें पूर्वी दिल्ली में हिन्दू और सिख समुदाय के बहुत सारे लोग रहते हैं और मांस की बिक्री करने वाले इस क्षेत्र में बहुत सारे रेस्तरां हैं, जैसी बात भी शामिल है.
प्रस्ताव में दिल्ली नगर निगम ने दावा किया है कि ‘हलाल’ का गोश्त खाने की इजाजत हिन्दू और सिख समुदाय में नहीं है. प्रस्ताव में कहा गया कि स्थायी समिति यह सुनिश्चित करना चाहती है कि गोश्त की बिक्री करने या परोसने वाले रेस्तरां और मांस विक्रेताओं को अपने बोर्ड में यह प्रदर्शित करना अनिवार्य होना चाहिए कि उनके द्वारा बेचा जा रहा मांस ‘हलाल’ है या ‘झटका’.
दिल्ली नगर निगम के सूत्रों ने बताया कि कुछ मांस विक्रेता और रेस्तरां बोर्ड पर इसे प्रदर्शित करते हैं लेकिन सभी ऐसा नहीं करते हैं.