कश्मीर: सर्च ऑपरेशन में हुई मौत पर ड्राइवर के घर वाले बोले- नजीर को जबरन उठा ले गई थी सेना

कश्मीर के शोपियां इलाके में गुरुवार को आर्मी सर्च ऑपरेशन के दौरान हुई एक ड्राइवर की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। ड्राइवर नाजिर अहमद की मौत पर उसके घर वालों का कहना है कि वह आम नागरिक था जिसे आर्मी वाले जबरन उठाकर ले गए थे।

रिश्तेदारों के मुताबिक, नजीर रोज की तरह शोपियां-कपरन रूट पर चल रहा था। लेकिन आर्मी ने उस दिन उसके टाटा सूमो को रोक लिया था और सैनिकों के बेड़े पर ले गए थे।

इंडियन एक्सप्रेस के एक खबर के मुताबिक, नजीर के भतीजे बिलाल अहमद ने बताया कि करीब 3 बजे नजीर की गाड़ी को सैनिकों ने रोका था और पास के ही कैंप में ले गए थे। गाड़ी में जो भी यात्री बैठे थे उन्हें जवानों ने नीचे उतार दिया। नजीर को फिर कैंप के अंदर ले गए और गाड़ी के कागजात जब्त कर लिया गया।

दूसरी तरफ रक्षा प्रवक्ता राजेश कालिया ने बताया कि वे पूरी जानकारी मिलने के बाद ही इसके बारे में कुछ बता सकते हैं। वहीं शोपियां के डिप्टी कमिश्नर मनजूर अहमद कादरी ने कहा कि अगर परिवार शिकायत दर्ज कराता है तो सरकार मामले की जांच करेगी।

गौरतलब है कि आर्मी ने गुरुवार को शोपियां के 20 गावों में सर्च ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन में 10 वर्ग किलोमीटर के इलाके में 20 गांवों को पूरी तरह घेर लिया गया था और नाकाबंदी कर दी गई। इस दौरान हेलिकॉप्टरों और ड्रोन का भी इस्तेमाल करने की खबरें आई थीं। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने इससे इंकार किया था।

बताया गया था कि जब सेना सर्च ऑपरेशन कर के लौट रही थी तब उन पर हमला किया गया था। उस हमले में एक आम नागरिक समेत चार सैनिक घायल हो गए थे। सेना के अधिकारियों ने बताया कि हिजबुल मुजाहिद्दीन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और मृतक की पहचान नाजिर अहमद के रूप में हुई थी।

लेकिन एक टैक्सी चालक मेहराज अहमद नजीर का आरोप है कि आर्मी वाले उसके भी वाहन को ले गए थे। मेहराज के मुताबिक, “मैं सुबह 6.10 बजे घर से निकला था। मेरी गाड़ी में 5 सवारी बैठी थी। जब मैं छतेपोरा से शोपियां जा रहा था तो सैनिकों ने मेरे वाहन को रोका। इसके बाद सेना ने जबरन गाड़ी में सवारों को बीच रास्ते में ही छोड़ने को कहा और साथ ले गए।