नालंदा यूनिवर्सिटी से ‘योग का इतिहास और राजनीति’ कोर्स हटाया गया

नई दिल्ली:  नालंदा यूनिवर्सिटी में योगा पर चल रहे एक कोर्स को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ये कोर्स नालंदा यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर अमर्त्य सेन द्वारा चलाया गया था।
जिसपर बीजेपी नेता राम माधव ने सोशल मीडिया के जरिये निशाना साधा है। माधव ने शनिवार को एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि पूर्व चांसलर अमर्त्य सेन के वक़्त ‘योग की राजनीति’ नामक कोर्स शुरू की गई।

लेकिन बताया जा रहा है की ये कोर्स ‘योग की राजनीति’ नहीं, बल्कि ‘योग का इतिहास और राजनीति’ नाम से इस साल जनवरी में शुरू किया गया था।

उस वक़्त अमर्त्य सेन यूनिवर्सिटी के चांसलर नहीं थे। अमर्त्य सेन ने नवंबर, 2016 में सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज यो को चांसलर की कमान सौंप दी थी।

राम माधव की दूसरी आपत्ति इस बात को लेकर थी कि इस कोर्स को एक विदेशी शिक्षक पढ़ा रही थीं, और इस कोर्स में 5 छात्र थे
उस विदेशी शिक्षक को यूनिवर्सिटी से हटा दिया गया है। हालांकि शिक्षक पैट्रिसिया साउथोफ अब नालंदा से जा चुकी हैं।

जानकारों के अनुसार नालंदा यूनिवर्सिटी को अब एक राजनीति का अखाड़ा बनाया जा रहा है और जानबूझकर हमेशा अमर्त्य सेन को निशाने पर रखकर एक भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जाती है।