नमाज़ से नहीं है योग का कोई मुकाबला, खुलासे से वैज्ञानिक भी हैरान

जैसा हम पहले से ही यह जानते हैं कि नमाज पढने से हमें शारीरिक व मानसिक रूप से कई तरह के फायदे होते हैं। नमाज का मुकाबला कोई भी व्यायाम और योग नहीं कर सकता। वहीँ वैज्ञानिकों ने भी शोध के जरिये यह साफ़ कर दिया है कि नमाज़ के द्वारा आप अपने आपको स्वस्थ और निरोगी रख सकते है। बता दें कि इस रिसर्च के बाद से वैज्ञानिक भी हैरान हैं।

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आइये अब बताते है नमाज़ पढ़ने के फायदे। अल केयाम और तकबीर यह दोनों आपस में मिलकर एक योग आसान का रूप ले लेते है। जिसे योग की भाषा में पर्वत आसन कहते है। जिससे आप को अपने शरीर के संतुलन के साथ साथ ब्लड प्रैशर को नियंत्रित किया जा सकता है। नमाज के दौरान की गई यह 2 क्रिया दिल और दमा की बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। जिससे इन बीमारी से निजात मिल सकती है।

 

नमाज का तीसरा हिस्सा है रुकू इस किर्या को योग की भाषा में योग आसन कहा जाता है। जिसमे शरीर की निचली जगह और मांशपेशियों और जाँघों पर खिंचाव पड़ता है। जिस की वजह से शरीर में रक्त का संचार बहुत तेजी से होता है। यह आसन जांघो और मांशपेशियों व पेट को सही रखता है।

नमाज का चौथा हिस्सा है जलसा और सुजूद। नमाज के दौरान किए जाने वाला जलसा आप के शरीर की पाचन शक्ति को ठीक ही नहीं करता वल्कि बढ़ाता भी है, और आप के पेट से सम्बंधित सभी बिमारियों को आप के शरीर से दूर रखता है। सुजूद नामाज के दौरान की जाने वाली वह क्रिया है जिसमे व्यक्ति के मस्तिष्क तक खून भरपूर मात्रा में पहुचता है। जिससे आप के सोचने समझने की शक्ति को बढ़ाता है।

इसके अलावा ब्रेन हेम्रेज़ नामक जैसे बीमारी से भी छुटकारा मिलता है इस बात में कोई शक नहीं है की नमाज एक बेहतरीन योग है। जिसमे आप के शरीर और दिमाग की कसरत होती है और साथ में इबादत भी हो जाती है ठीक उसी तरह से योग करने से भी पुरे शरीर की कसरत और आत्मा को शांति मिल जाती है।

अगर एक नजरिये से देखा जाये तो नमाज ईश्वर की इबादत के साथ एक तरह का योग है। नमाज पढ़ने से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है।