साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के दोषी बाबू बजरंगी को उच्चतम न्यायालय से गुरुवार को जमानत मिल गई है। उसे स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दी गई है। बाबू बजरंगी नरोदा पाटिया दंगों के मामले में दोषी करार दिए तजाने के बाद 21 साल की सजा काट रहा है।
इससे पहले गुजरात पुलिस ने उच्चतम न्यायालय को जनवरी के आखिर में यह जानकारी दी थी कि बजरंगी कई तरह की बिमारियों से ग्रसित होने की वजह से बुरी हालत में हैं।
#NewsAlert – Key accused gets bail in Naroda Patiya massacre. Bajrang Dal’s Babu Bajrangi gets bail from Supreme Court. Bajrangi to come out on medical grounds. | @utkarsh_aanand with more details pic.twitter.com/aOijnTrdxG
— CNNNews18 (@CNNnews18) March 7, 2019
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, बजरंगी की तरफ से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता आर बसंत ने कहा कि वह उनका स्वास्थ्य खराब होने के आधार पर ही जमानत का अनुरोध कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि बजरंगी सौ फीसदी बधिर और दृष्टिहीन हो चुके हैं। इसके अलावा उन्हें दिल की कई तरह की बिमारियां हैं।
The Supreme Court granted bail to Bajrang Dal leader Babu Bajrangi, who was convicted along with 30 others for his role in the slaying of 97 Muslims on February 28, 2002.https://t.co/nj1Bvu68hy
— The Wire (@thewire_in) March 7, 2019
बजरंगी ने जमानत का अनुरोध करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय के 29 अप्रैल 2018 को दिए फैसले को चुनौती दी थी। दरअसल, पहले उच्च न्यायालय ने बजरंगी को ताउम्र जेल की सजा सुनाई थी, बाद में इसे बदल दिया गया। इस मामले में हरीश छारा और सुरेश लंगड़ा को भी दोषी करार दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में 23 जनवरी को चार दोषियों को नियमित प्रदान कर दी थी।
2002 Gujarat riots: Naroda Patiya case convict #BabuBajrangi granted bail on health grounds https://t.co/mKFL3mtzUT pic.twitter.com/KUi5bArCyP
— FinancialXpress (@FinancialXpress) March 7, 2019
बता दें कि साल 2002 में गुजरात के अहमदाबाद में नरोदा पाटिया में हुए नरसंहार के मामले में स्पेशल कोर्ट ने भाजपा विधायक माया कोडनानी और बाबू बजरंगी सहित 32 लोगों को दोषी ठहराया था। 28 फरवरी 2002 को नरोदा पाटिया इलाके में सबसे बड़ा नरसंहार हुआ था।
2002 Gujarat riots case: Supreme Court today granted bail to one of the convicts in Naroda Patiya matter, Babu Bajrangi. He has been granted bail on health grounds pic.twitter.com/5hU9wzs5lf
— ANI (@ANI) March 7, 2019
27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियां जलाने की घटना हुई थी। उसके अगले ही दिन दंगे की लपटों ने नरोदा पाटिया में दस्तक दी। जिसके बाद यहां नरसंहार हुआ था।
इस नरसंहार में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी और 33 लोग जख्मी हुए थे। नरोदा पाटिया के नरसंहार को जहां गुजरात दंगों के दौरान सबसे भीषण नरसंहार कहा जाता है वहीं यह उतना ही विवादास्पद भी है। यह दंगों के दौरान का एक ऐसा केस है जिसकी जांच एसआईटी ने की थी।