‘NASA’ का सूरज पर जाने का अभियान लगभग तैयार, मानव इतिहास में ऐसा होगा पहली बार!

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का सूर्य अभियान अपनी तैयारी के अंतिम चरणों में है। पार्कर सोलर प्रोब नाम का यह अभियान इस वर्ष 31 जुलाई को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लांच होगा। यह मानव इतिहास में पहली बार होगा जब कोई यान सूर्य के वातावरण में प्रवेश करेगा।

अपने सात वर्षीय अभियान में पार्कर सोलर प्रोब यान सूर्य के बाहरी वातावरण को खंगालेगा और उन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश करेगा जो दशकों से वैज्ञानिकों को उलझाए हुए हैं। नासा ने इस यान के साथ भेजने के लिए लोगों से उनके नाम मांगे हैं, जिससे उनका नाम सूर्य को छूकर आ सके।

सौर आंधी के स्रोतों पर मौजूद चुंबकीय क्षेत्र की बनावट और इनके डायनामिक्स की पड़ताल करना। सूर्य की सतह (कोरोना) को गर्म करने वाली और सौर तूफानों को गति देने वाली ऊर्जा के बहाव को समझना।

यह पता लगाना कि सूर्य के वातावरण से उत्सर्जित होने वाले ऊर्जा कणों को कैसे गति मिलती है। सूर्य के आस-पास मौजूद धूल प्लाज्मा को खंगालना और सौर आंधी और सौर ऊर्जा कणों पर उनके असर को समझना।

यान के आगे कार्बन फाइबर और ग्रेफाइट (ठोस कार्बन) से मिलकर बनी ढाल लगी है। थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम नाम की यह ढाल सूर्य की ऊर्जा से यान की रक्षा करेगी।

यह ढाल 11.4 सेमी मोटी है और यान के बाहर 1370 डिग्री सेल्सियस का तापमान झेल सकेगी। सभी वैज्ञानिक उपकरण और यान का संचालन तंत्र इस ढाल के पीछे छुपे रहेंगे जिससे सूर्य की रोशनी सीधा इन पर न पड़े।

इसमें थर्मल रेडिएटर नाम के खास ट्यूब होंगे जो यान के अंदर आने वाली ऊष्मा को यान से निकालकर अंतरिक्ष में फेंक देंगे ताकि यह ऊष्मा उपकरणों तक न पहुंचे।

यह यान डेल्टा-4 हेवी नाम के रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा। इस अभियान की अवधि 6 साल 321 दिन तय की गई है। यान बुध ग्रह की कक्षा में ही रहेगा जो सूर्य के वातावरण में आती है।

इसमें चार ऐसे उपकरण भेजे जाएंगे जो सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र, प्लाज्मा और ऊर्जा कणों का परीक्षण कर इनकी 3डी तस्वीर तैयार करेंगे। पहले इसका नाम सोलर प्रोब प्लस था जिसे मई, 2017 में बदलकर खगोलशास्त्री इ्यूजीन पार्कर के नाम पर पार्कर सोलर प्रोब कर दिया गया।

सूर्य के करीब पहुंचते ही इस शोधयान की रफ्तार 192 किमी/ सेकंड हो जाएगी। इससे यह सर्वाधिक गति वाला मानव निर्मित उपकरण बन जाएगा।

फिलहाल यह उपलब्धि बृहस्पति की कक्षा में स्थापित नासा के शोधयान जूनो के नाम है। 4 जुलाई 2016 को बृहस्पति की कक्षा के गुरुत्वाकर्षण से इसकी रफ्तार 2.65 लाख किमी/घंटा हो गई थी।