राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छेड़छाड़ की शिकायत पर कथित तौर पर कार्रवाई नहीं किए जाने और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के मामले का खुद संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, महानिदेशक पुलिस और विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को एक नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कल इन सभी अधिकारियों से मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने और अब तक की गई कार्रवाई के बारे में चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
आयोग का कहना है कि मीडिया रिपोर्टों से इस बात के संकेत मिले हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों के स्तर पर चूक हुई है। प्रशासन ने शिकायत का सही तरीके से नोटिस नहीं लिया है। आयोग ने कहा कि छात्रायें उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं, लेकिन पुलिस ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया और यह मानव अधिकारों का उल्लंघन है। यह महिलाओं के सम्मान से संबंधित मामला है, लेकिन प्रशासन ने इसे ठीक से नहीं देखा।