नजमा हेपतुल्ला का जामिया के छात्रों को सलाह, ज़िन्दगी को अगर बामक़सद बना लिया जाए तो आसमान की बुलंदियों को छूना भी मुमकिन

जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति और मणिपुर की राज्यपाल डॉ नजमा हेपतुल्ला ने छात्रों को सलाह दी है कि अगर जीवन को उद्देश्यपूर्ण बना लिया जाए तो आसमान की बुलंदियों को छूना भी असंभव नहीं। डॉक्टर हेपतुल्ला आज यहां जामिया मिलिया इस्लामिया के रीज़ीडेनशियल कोचिंग अकादमी द्वारा सिविल सेवा में सफल होने वाले उम्मीदवारों के लिए आयोजित मुबारकबाद बैठक को संबोधित कर रही थी।

उन्होंने डॉक्टर इकबाल के कई शेर ज़रिये छात्रों और युवाओं को आत्मविश्वास, ऊँचे उड़ान और कई संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि ‘आपको जुगनू की तरह होना चाहिए जो खुद भी उज्ज्वल हो और दूसरों के रास्ते भी रोशन करे।’

उन्होंने सिविल सेवा में सफल उम्मीदवारों को बधाई देते हुए सलाह दी कि वे अपने कार्य को अपने विश्वास की तराजू पर तोलते रहें, और इक़बाल का ये शेर खास तौर से पेश किया।

‘ऐ तायरे लाहोती उस रिज़्क़ से मौत अच्छी, जिस रिज़्क़ में होती है परवाज़ में कोताही।