NDA छोड़ने से रामविलास पासवान ने किया इंकार, कहा- ‘मोदी के सिवा विकल्प नहीं’

नई दिल्ली: केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले किसी नए राजनीतिक गठजोड़ की संभावना नहीं है। उन्होंने साथ ही विपक्षी मोर्चे में शामिल होने के लिए राजग छोड़ने की संभावना भी साफ तौर पर खारिज कर दी है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है। विपक्ष विभाजित है और जहां तक सपा-बसपा की एकता का सवाल है, जिसका बहुत बखान किया जा रहा है, आम चुनाव में यह साथ नहीं रहेगा।

पासवान मानते हैं कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के पृष्ठभूमि में होते हुए भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में कोई आकर्षण नहीं है। बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पासवान ने माना कि चुनाव वाले वर्ष में छोटे मुद्दे भी बड़े बन जाते हैं, जिसे सरकार विरोधी लहर करार दिया जाता है और सरकार को जमीनी स्तर पर इसे बदलने की जरूरत है।

पासवान ने आईएएनएस से एक इंटरव्यू में कहा, “मेरे जैसे लोग आत्मसम्मान की राजनीति करते हैं। जिनमें भी आत्मसम्मान है, वे (राजद प्रमुख) लालू प्रसाद के साथ नहीं रह सकते। कांग्रेस में अगर कोई राहुल गांधी से मिलना चाहता है तो उसे तीन महीने इंतजार करना पड़ता है। उसके बाद भी मुलाकात होगी, यह निश्चित नहीं है।”

अगले साल होने जा रहे आम चुनाव से पहले, खासतौर पर हाल ही में उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनाव में सपा-बसपा के साथ आने के बाद राजनीतिक दलों के नए गठजोड़ की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने राजग छोड़कर किसी भाजपा विरोधी, कांग्रेस विरोधी मोर्चे का हाथ थामने की संभावना से स्पष्ट इंकार किया। उन्होंने जोर देकर कहा, “कोई दुविधा नहीं है। राजग को छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।”

मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन नहीं होगा। पिछले संसदीय चुनाव में उन्होंने स्वतंत्र रूप से राज्य की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन गठबंधन की स्थिति में दोनों पार्टियों को 40-40 सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ेगा।

पासवान ने सवाल उठाया, “उनका क्या होगा, जिन्हें एक खास सीट के लिए टिकट हासिल करने के लिए अपनी पूरी जिंदगी बिताने के बावजूद टिकट नहीं मिलेगा? वे चुप नहीं रहेंगे। जाहिर है कि वे दूसरों की जीत की संभावना का भी बंटाधार कर देंगे।”

उन्होंने कहा कि करीब 25 प्रतिशत मतदाता जो चुनाव से पहले अपना मन बदलते हैं, वे राजग के पक्ष में वोट देंगे, क्योंकि वे नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखेंगे, क्योंकि विपक्ष में इस पद के लिए करीब आधा दर्जन नेता हैं।

उन्होंने कहा, “मतदाता देखेंगे कि यहां एक ओर मोदी हैं और दूसरी ओर विपक्ष में राहुल गांधी, ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू और कई चेहरे हैं। ऐसे हालात में मतदाता कभी भी अपना वोट बर्बाद नहीं करना चाहेंगे और मोदीजी के पक्ष में वोट देंगे।”

सोनिया गांधी के इस आरोप कि मोदी का ‘न्यू इंडिया’ का आह्वान भी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल के दौरान दिए गए ‘इंडिया शाइनिंग’ और ‘फील गुड’ अभियान की तरह ही महज एक नारा साबित होकर रह जाएगा, पासवान ने कहा, “वाजपेयीजी के कार्यकाल में समय अलग था। वह एक गठबंधन सरकार चला रहे थे। लेकिन मोदीजी एक ही पार्टी के बहुमत वाली सरकार चला रहे हैं।”