पटना: एनडीए में शामिल नीतीश कुमार आगामी 2019 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को कितनी मजबूती देंगे? इस सवाल का जवाब बेहद ही महत्व पूर्ण है। एक राजनीतिक सर्वे से यह पता चला है कि बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पीएम मोदी के खेमे में आने के बावजूद भी अगले आम चुनाव में एनडीए की सीटें बढ़ने वाली नहीं हैं।
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खबर के मुताबिक, अगर इस सर्वे को देश के राजनीतिक मूड का इशारा माना जाए तो यह एक ऐसा संकेत है जो भाजपा-आरएसएस के रणनीतिकारों की चिंता बढ़ा सकती है। इंडिया टुडे द्वारा किये गये इस सर्वे के मुताबिक अगर आज चुनाव होते हैं तो एनडीए तिहरा शतक लगा सकती है, यानी 309 सीटें मिल सकती हैं। लेकिन एनडीए का ये आंकड़ा 2014 के लोकसभा चुनाव के हिसाब से सीटों की आंकड़ों में काफी गिरावट आई है। जबकि 2014 के चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए म शामिल नहीं थे बावजूद इसके एनडीए के खाते में 336 सीटें आईं थीं। लेकिन सर्वे के अनुसार नीतीश कुमार के इस बार एनडीए में शामिल होने के बावजूद भी इसके खेमें की सीटें बढ़ती नहीं दिख रही हैं।
उल्लेखनीय है कि 2014 के आम चुनाव में बिहार में भाजपा ने 22 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा के सहयोगी लोक जन शक्ति पार्टी ने 6 और लोक समता पार्टी ने 3 सीटें जीतीं थीं। इस चुनाव में जनता दल यूनाइटेड को सिर्फ 2 सीटें आईं थीं। इस तरह से एनडीए ने बिहार में 2014 में 40 सीटों में से 31 सीटों पर कब्जा जमाया था। अब जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ हैं तो उनपर अपनी पार्टी के सीटों का आंकड़ा बढ़ाने का दबाव है।