“वर्तमान में उपलब्ध बहुतायत वैज्ञानिक साक्ष्य मोबाईल टॅावर से उत्सर्जित विद्युत चुंबकीय प्रभाव और विकिरण मानव शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों का समर्थन नही करते है । भारत में विकिरण मानदण्ड बहुत ही न्यूनतम स्तर पर रखे गए हैं, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतराष्ट्रीय गैर-आयनीकृत विकिरण संरक्षा आायोग के द्वारा निर्धारित विकिरण मानदण्डों और उनकी सुरक्षित सीमा के अन्तर्गत ही है।”
यह बात आज भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के महानिदेशक सुनील कुमार ने एक जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कही, जिसे नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् और दूरसंचार विभाग ने संयुक्त रूप से आज आयोजित किया। इस जागरूकता कार्यशाला का विषय “विद्युत चुंबकीय क्षेत्र उत्सर्जन और दूरसंचार टॅावर” था, जिसे जनसाधारण की अवैज्ञानिक भ्रांतियों को दूर करने के लिए आयोजित किया गया।
सुनील कुमार इस कार्यशाला में दूरसंचार सेवाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी भी देश के आर्थिक विकास और नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए दूरसंचार सेवाएॅं रीढ़ की हड्डी के समान है। मोबाईल सेवाएॅं सरकार की महत्वपूर्ण सेवाओं को जनता तक सफलतापूर्वक पहुॅचाने में एक महत्वपूर्ण साधन का काम करती हैं। उन्होंने जनता में वैज्ञानिक रूझान उत्पन्न करने पर जोर देते हुए कहा कि दूरसंचार सेवाओं के माध्यम से देश के स्वस्थ और बेहतर विकास के लिए जनता, सरकार और उद्योगों को आपसी सामंजस्य और समन्वय स्थापित करना होगा।
इस अवसर पर नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् की सचिव एवं वित्तीय सलाहकार गीताली तारे ने कहा कि एक ओर तो नगर निकायों के पास अक्सर किसी ना किसी जगह से मोबाईल टावर हटाने के लिए जनता के अनुरोध आते रहते है दूसरी और उनकी ओर से ही काॅल डॅªाप, धीमी इन्टरनेट सेवा और संचार नेटवर्क टूटने जैसी शिकायतें सरकार या दूरसंचार सेवा प्रदात्ताओं के पास दर्ज होती रहती है। यह दोनों स्थितियाॅं विरोधाभासी हैं, जिसका कारण समाज में बिना किसी वैज्ञानिक आधार के दूरसंचार टावरों के संबंध में फैली भ्रांतियाॅं ही है।
गीताली तारे ने कहा कि दूरसंचार टॅावरों और उनसे उत्सर्जित होने वाले विद्युत चुंबकीय क्षेत्र के दुष्प्रभावों के बारे में फैली भ्रांतियांे और निराधार डर को जनता के मन में से वैज्ञानिक तथ्यों और साक्ष्यों के द्वारा दूर करने के लिए आज इस जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इससे आवासीय कल्याण समितियों, मार्केट ट्रैर्डस एसोसिशनों और नगर निकायों के कर्मचारियों एंव अधिकारियों को अपने भ्रम दूर करने में सहायता मिलेगी।
इस जागरूकता कार्यशाला के वैज्ञानिक सत्र को संबोधित करते हुए दिल्ली के मणीपाल अस्पताल के विकिरण कैंसर चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डाॅं अनुशील मुंशी ने कहा कि जब कोई मोबाइल का इस्तेमाल अपनी दैनिक जीवन की जरूरतों के लिए करता है तो उसकी तुलना में कोई गाड़ी चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करता है तो उस पर खतरे की संभावना चार गुना होती है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्थापित ईएमएफ परियोजना के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें 50 देश और 8 अन्तर्राष्ट्रीय संगठन शामिल है, जिन्होंने 25 हजार वैज्ञानिक शोध-पत्रों की समीक्षा करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि मोबाइल टाॅवर के रेडिएशन और इसके मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव के बीच कोई संबंध नही है। उन्होंने अपने संबोधन का सारंाश एक व्यक्व्य में देते हुए कहा कि वर्तमान में उपलब्ध कोई भी ऐसा वैज्ञानिक साक्ष्य नही है, जो यह दर्शाए कि मोबाइल फोन और इसके दुष्प्रभाव से टयूमर और मानव शरीर में कोई क्षति होती हो।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅं. विवेक टंडन ने कहा कि आज विश्व के अंदर सबसे ज्यादा जो शोधपत्र उपलब्ध है उनमें मोबाइल फोन और टॅावर के रेडिएशन के मानव शरीर पर प्रभाव से संबंधित ही पाए जाते हैं। इन सब की समीक्षा के बाद ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोबाइल फोन के विकिरण को केंसरकारक 2बी श्रेणी में रखा है, जिसका अर्थ यह है कि इसको मानव के लिए खतरनाक घोषित करने से पहले अभी और वैज्ञानिक साक्ष्यों का आवश्कता है। डाॅं विवेक टंडन ने एक से एक नई वैज्ञानिक खोजों का सबूतों के साथ हवाला देते हुए बताया कि नींद, नपुंसकता, सुनने की शक्ति, संज्ञान और मस्तिष्क में रक्त संचार की बिमारियों का मोबाइल फोन और इनके टॅावरों के रेडिएशन से कोई संबंध नही है।
इस जागरूकता कार्यशाला में श्रोताओं की उत्सुकताओं और जिज्ञासाओं को शांत करते हुए दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ उप-महानिदेशक श्री शिवेन्द्र भटनागर और उप-महा निदेशक डाॅं. आर.एन.चतुर्वेदी ने आवासीय कल्याण समितियों और मार्केट ट्रैडर्स एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों से विचार विनिमय भी किया।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के सदस्य, बी एस भाटी ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि यह जागरूकता कार्यशाला अत्यन्त सूचनाप्रद और आॅंख खोलने वाली साबित हुई है। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि दिल्ली क्षेत्र की सभी मोबाइल टावर्स निधारित मांनदण्डों के अन्तर्गत सुरक्षित हैं और दूरसंचार विभाग जनता को इससे हमेशा सुरक्षित रखने के लिए मानदण्डों और दिशा निर्देशों को सख्ती से पालन करता रहेगा।