NDTV पर प्रतिबन्ध लगाना सरकार का सही फैसला: बीजेपी

भारतीय जनता पाटी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि एनडीटीवी इंडिया पर लगाया गया प्रतिबंध प्रतीकात्मक हैं ताकि एक संदेश जाए।

बीबीसी हिंदी के साप्ताहिक रेडियो कार्यक्रम इंडिया बोल में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ”अभिव्यक्ति की संविधान प्रदत्त स्वतंत्रता और स्वेच्छाचारी स्वच्छंदता दोनों में अंतर समझना होगा।”

उन्होंने कहा, ”एनडीटीवी को हमारे कार्यकाल में ही नहीं यूपीए के कार्यकाल में भी कई बार नोटिस दिया गया था। सरकार के ऑफिशियल रिकॉर्ड के हिसाब से एनडीटीवी के लिए अब बार-बार ग़लतियां करने वाली बात हो गई। यानि वर्षों से चेतावनियों पर चेतावनी के बाद नज़रअंदाज़ करते चले जा रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “ये जो सरकार ने निर्णय लिया है इस एक्ट की इस धारा के तहत एक महीने तक ऑफ एयर करने का प्रावधान है। ये आज तक जितने भी चैनल के लिए किया गया है जिसमें एंटरटेनमेंट, न्यूज़ सभी शामिल हैं उसका ये न्यूनतम है। यानी 24 घंटे तो एक तरह का प्रतीकात्मक है ताकि एक संदेश जाए। लोकतंत्र में सबको अधिकार है तो उसके साथ-साथ दायित्व भी है, आपको एक मर्यादा की सीमा में रहना है।”

गौरतलब है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित एक अंतर-मंत्रालय समिति की सिफारिश के बाद गुरुवार को एनडीटीवी इंडिया न्यूज चैनल को आदेश दिया गया कि वह एक दिन (9 नवंबर) के लिए प्रसारण रोके। समिति ने पठानकोट वायुसेना अड्डे पर इस साल जनवरी में हुए आतंकी हमले की कवरेज के संदर्भ में चैनल पर कार्रवाई की सिफारिश की थी।

इसपर एनडीटीवी इंडिया ने अपने बयान में कहा, “सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का आदेश प्राप्‍त हुआ है। बेहद आश्चर्य की बात है कि NDTV को इस तरीके से चुना गया। सभी समाचार चैनलों और अखबारों की कवरेज एक जैसी ही थी। वास्‍तविकता में NDTV की कवरेज विशेष रूप से संतुलित थी। आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेड़ियों से जकड़ दिया गया था, उसके बाद से NDTV पर इस तरह की कार्रवाई अपने आप में असाधारण घटना है।”

सोशल मीडिया यूजर भी इस एक दिन के प्रतिबन्ध के खिलाफ बड़े जोर शोर से विरोध कर रहे हैं। ट्विटर और फेसबुक पर रविश कुमार लगातार टॉप ट्रेंड में हैं। रविश कुमार का प्राइम टाइम में कहा गया वाक्य “बागों में बहार है” वायरल हो चुका है और सोशल मीडिया यूजर द्वारा खूब इस्तेमाल किया जा रहा है।