नई दिल्ली: सरकार ने जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय को छोड़कर पहली अक्टूबर से पूरे देश में मौत के पंजीकरण के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से कल जारी हुए बयान के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 1 अक्टूबर 2017 से आधार नंबर देना अनिवार्य होगा।
अगर कोई व्यक्ति मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन देता है और उसे मृतक का आधार नंबर या आधार नामांकन नंबर की जानकारी नहीं है, तो उसे एक हलफनामा देना होगा कि वह मृतक का आधार नंबर नहीं जानता है।
अगर आवेदक इस संबंध में झूठा हलफनामा देता है तो उसके खिलाफ आधार कानून 2016 के प्रावधानों और जन्म और मृत्यु 1969 पंजीकरण कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने कहा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि लोगों को जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो और पहचान में किसी तरह की धोखाधड़ी न हो।
अधिसूचना में कहा गया है कि बाकी तीनों राज्यों के लिए अलग से अधिसूचना जारी किया जाएगा। अधिसूचना में कहा है कि मौत के प्रमाण पत्र के लिए आधार जरूरी बनाए जाने से रिश्तेदारों या परिवार द्वारा मृतक के संबंध में दी गई जानकारी की सही जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे किसी की पहचान के संबंध में धोखाधड़ी को रोकने के साथ मृतक के रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी। मृतक के संबंध में कई तरह के दस्तावेज देने से राहत मिलेगी।