जिंदगी को सीरते नबवी (सअ) के मुताबिक़ बनाने की ज़रूरत

अल्लाह ने अह्मदे मुजतबा मोहम्मद मुस्तफा सअ को नुबुव्वत और नबियों व रसूलों के सिलसिला को खत्म करने के लिए चुना चुना था, उसका फ़ितरी तक़ाज़ा था कि रसूल सअ की जिंदगी कयामत तक आने वाली नसलों और आदम जात के लिए पवित्र और सीधा रास्ता हो जिस पर इन्सान चल कर और उस राह को चुन करके आसानी के साथ मंजिल तक पहुँच सके और हर दौरे जिंदगी में कामयाबी हासिल कर सके।

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उसका यह भी तक़ाज़ा था कि उस आखिरी नबी की जिंदगी और उसकी सारी विवरण और उसके उतर चढ़ाव दिन की रौशनी की तरह रौशन और जगमगाती हुई हो। उनकी यह जिंदगी इस क़दर खुलासा और ज़ाहिर सिर्फ इसी जमाने के लोगों के लिए न हो बल्कि हर जमाना, हर समुदाय व जाति और कयामत तक आने वाले हर इन्सान के लिए खुलासा और ज़ाहिर हो।

क्योंकि आप (सअ) की नुबुव्वत व रिसालत और आपकी दावत अपनी कौम, अपनी सरज़मीन और जमाने तक सीमित नहीं थी बल्कि हर जमाना, हर कौम, हर क्षेत्र और हर रंग व जाती के लोगों के लिए आम थी। अल्लाह ने आप को रहती दुनियां तक के सारे इंसानों और सारी दुनियां के लिए रसूल बनाकर भेजा था।

अल्लाह ने नबी (सअ) की जिंदगी, आपके काम और आपकी पवित्र सीरत, आप की शख्सियत के पहलु और आपके दावत के नीतजे अल्लाह के रस्ते पर चलने वाले हर आदमी के लिए, हर कानून के लिए, हर परिवार व समाज के लिए, नेक रास्तों पर चलने वाले के लिए सबक और नमूना है, और यह कयामत तक के लिए हर इन्सान के लिए सबक रहेगा।