NEET मेडिकल में उर्दू को शामिल करने के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, MCI से माँगा जवाब

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट मेडिकल) की परीक्षा के लिए शामिल होने वाली सरकारी भाषाओं में उर्दू को शामिल करने संबंधी आवेदन पर आज केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से जवाब तलब क्या है. न्यायमूर्ति कुरियन जोज़फ़ और न्यायमूर्ति आर भानोमती की पीठ ने स्टूडेंट इस्लामिक संगठन (एसआईओ) की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और एमसीए को नोटिस जारी करते हुए जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को भी नोटिस जारी किया तथा मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च की तारीख तय की. इससे पहले एमसीए ने दलील दी थी कि नीट में उर्दू भाषा को शामिल करने के संबंध में उसे कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि संबंधित राज्य इसके लिए आवेदन करें.
इस पर एसआईओ के वकील ने अदालत को बताया कि महाराष्ट्र और तेलंगाना की सरकारों ने नीट परीक्षा के लिए आधिकारिक भाषाओं में उर्दू को भी शामिल करने का अनुरोध पहले ही एमसीआई को दी है. सरकारी अधिसूचना के अनुसार, नीट की परीक्षा दस भाषाओं में आयोजित किए जाएंगे, जिनमें हिंदी और अंग्रेजी के अलावा बंगाली, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगू, अड़िआ और कन्नड़ शामिल हैं.