नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने तिकोना क़ब्रिस्तान को फ़िलहाल किसी की मिलकियत स्वीकार नहीं किया

नई दिल्ली: निजामुद्दीन स्थित तिकोना क़ब्रिस्तान (खुसरू पार्क) के मामले में हाईकोर्ट ने उस उक्त भूमी को किसी की मिलकियत स्वीकार नहीं किया है। बल्कि यह बात स्पष्ट कर दी है कि अगर यह भूमी दिल्ली वक्फ बोर्ड की साबित हो जाती है तो फिर इस पर जितना भी खर्च आया है उसकी अदायगी दिल्ली वक्फ बोर्ड करेगा।

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इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की पालिसी को सामने रख कर आगा खान फाउंडेशन को काम करने की हिदायत दी है। साथ ही डीडीए को फिलाहल यह इख़्तियार दिया है कि वह इस भूमी पर किसी तरह का कब्जा नहीं होने दे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।

तिकोना क़ब्रिस्तान में बुलडोजर चलाने और सरकारी एजेंसी की बेजा दखलंदाजी के खिलाफ दायर की गई याचिका पर कोर्ट का लिखित फैसला कल आ गया है। हालाँकि इस मामले में एडवोकेट सुफियान सिद्दीकी का कहना है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड ने को क़ब्रिस्तान के संबंध से पालिसी अदालत में पेश की है इस पर वह गौर कर के अपनी राय से अदालत को सूचित करेंगे।