VIDEO: शबे क़दर की वह रात जिसमें इबादत करने से 83 साल इबादत करने का सवाब मिलता है

शबे क़दर, मान और इज्जत वाली रात है। उस रात की अनगिनत बरकतें हैं। कुरान और हदीस में उस रात के अनगिनत फज़ीलत और बरकत मौजूद हैं। शबे कदर की एक बहुत बड़ी फज़ीलत यह है कि इसके बारे में कुरान में पूरी सूरत नाज़िल हुई है। अल्लाह तबारक व तआला अपने कलाम में कहता है।

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अनुवाद: बेशक हमने इसे (कुरान) शबे कदर में उतारा और तुमने क्या जाना क्या है शबे कदर, शबे कदर हजार महीनों से बेहतर (है) इसमें फ़रिश्ते और जिब्रईल उतरते हैं अपने रब के हुक्म से हर काम के लिए। वह सुरक्षा है सुबह चमकने तक (सूरे क़दर, पारा 30)

(हजार महीने यानी 83 साल 4 महीने, जिस व्यक्ति की यह एक रात इबादत में गुज़री उसने 83 साल और 4 महीने का ज़माना इबादत में गुजार दिया I 83 साल का ज़माने की ओर तो बस इशारा है अल्लाह जितना सवाब देना चाहे वह देगा)

हदीस: हज़रत अबु हुरैरा रज़ियल्लाहू अन्हु से रिवायत है कि मोहम्मद (सअ) ने फरमाया: जिसने लैलतुल क़दर में ईमान व एहतसाब के साथ गुज़ारा, उसके पिछले गुनाह माफ कर दिए जाते हैं (बुख़ारी शरीफ़)

https://www.youtube.com/watch?v=lPJ33B62XIw