इंसाफ़ की लड़ाई लड़ने वाले संगठन ”इंसाफ इंडिया” को आतंकी संगठन बताने की कोशिश

झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में मुसलमानों, दलितों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ शांतिपूर्वक कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए 14/10/2016 को इंसाफ़ इंडिया नामक संस्था बनाई गई है । लेकिन अब इस संस्था को आतंकी संगठन बताने की पुरज़ोर कोशिश की जा रही है ।

इतने कम समय में स्वार्थरहित एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने अपनी कड़ी एवं कठोर परिश्रम के द्वारा इंसाफ इन्डिया को स्थापित कर दरवाजे – दरवाजे तक न्याय , अधिकार , मानवता एवं समानता के लिए लोगों के बीच अपने मिशन पर कार्य कर रही है ।

इंसाफ़ इंडिया के संयोजक मुस्तकीम सिद्दीक़ी पर कई हमले भी हो चुके है और उन पर दबाव बनाने की भरपूर कोशिश की जा रही है । सोशल मीडिया पर मुस्तकीम सिद्दीक़ी ने एक न्यूज़ पेपर की कटिंग पोस्ट की है । जिसकी हेड लाइन है ‘सिमी की तर्ज पर उभर रहा इंसाफ़ इंडिया’

मुस्तकीम सिद्दीकी लिखते हैं कि ”भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों से ले कर पुलिस प्रशासन तक मे वो ज़हर भर दिया गया है जो हमेशा सामंती सोच को स्थापित कर भारत मे फासिस्ट और निरंकुश सत्ता को स्थापित करना चाहता है

यही मुख्य कारण है कि जब भी आप सत्ता संरक्षण में होने वाले अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाएंगे आप को एक पूर्वाग्रह के आधार पर बनाई गई सोच की बुनियाद पर Frame कर देने का प्रयास शुरू होगा और अगर आप का नाम मुस्तक़ीम सिद्दीकी हो तो ये और भी आसान है…
प्रस्तुत है आज की ख़बरl
पढिये.. और अंदाज़ा लगाइए की इस संवादाता के साथ क्या किया जाए ??
अखबार मालिकों के विरुद्ध कोर्ट का रास्ता है ??
आप का परामर्श आवश्यक है ”

https://www.facebook.com/permalink.php?story_fbid=1750812678552550&id=100008715034682#

 

सियासत से बात करते हुए मुस्तक़ीम सिद्दीक़ी ने कहाकि झारखंड के कई ज़िलों में आज इंसाफ इन्डिया को एक बड़े बदलाव लाने वाली मुहीम की तरह देखा जा रहा है और उस मुद्दे पर हम अग्रसर हैं ।  इसी बीच इंसाफ इन्डिया ने कई मुद्दे को ऊजागार भी किया । धर्म , जाती एवं समुदाय से ऊपर उठकर आवाजें बुलंद की , यह मुहीम हर उस परिवार , समुदाय , जाती एवं धर्म के लोगों के साथ है जो किसी भी तरह के अत्याचार , अन्याय एवं जुल्म का शिकार हो रहे हैं या भविष्य में होगा ।

इंसाफ़ इन्डिया किसी भी धार्मिक या राजनीतिक संगठन द्वारा समर्थित या प्रायोजित मुहीम नही है , यह आपका , हमारा और हम सबका है । यह देश के हर आम नागरिक का , आम नागरिक द्वारा , आम नागरिक के लिये चलाया गया मुहीम है ।

इंसाफ इंडिया ने पिछले कुछ दिनों में बिहार, झारखण्ड व पश्चिम बंगाल में दलितों-अल्पसंख्यकों व महिलाओं के हिंसा-उत्पीड़न व बलात्कार की घटनाओं को अहिंसक-लोकतांत्रिक तरीके से उठाने का काम किया है।

इंसाफ़ इंडिया ने जो देवघर की 5 साल की नन्ही कुमारी का अपहरण, ब्लातकार एवं हत्या हो या अमेंठी की 17 साल की सरिता मौर्या का अपहरण , ब्लात्कार एवं हत्या चाहे गिरीडिह के 20 साल के राजकुमार हेंबरम की पुलिस लापरवाही में मौत या जामताड़ा के 22 साल के मिंन्हाज अंसारी कीं पुलिस द्वारा हत्या , इंसाफ इंडिया ने मुखर होकर आवाज उठाई है ।

 

बिहार के नवादा में रामनवमी के वक्त बीजेपी सांसद-केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के इशारे पर हुई भगवा गुंडों व पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से की गई साम्प्रदायिक हिंसा के खिलाफ से लेकर बिहार-झारखण्ड के दर्जनों जगहों पर हुई इस किस्म की घटनाओं के खिलाफ इंसाफ इंडिया के संयोजक मुखर रहे हैं।  हाल के दिनों में जारी मॉब लिंचिंग व साम्प्रदायिक आधार पर नफरत फैलाये जाने के खिलाफ भी इंसाफ इंडिया सक्रिय रहा है।

 

इंसाफ़ इंडिया की नींव रखने वाले मुस्तकीम सिद्दीक़ी कहते हैं कि सत्ता और उसकी पूरी मिशनरी लोकतंत्र को कैसे संचालित कर रही है? इससे भली-भांति समझा जा सकता है। अब आप समझिये कि गौ-आतंकियों और साम्प्रदायिक नफरत-हिंसा के सौदागरों को खुली छूट और इसके खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से इंसाफ की आवाज बुलन्द करने वालों के खिलाफ किस किस्म का षड्यंत्र कर रही है!

 

इस षड्यंत्र को समझने और इसके खिलाफ खड़े होने की जरूरत है, नहीं तो यह लोकतंत्र उन्नत होने की दिशा में जाने के बजाय पतित होकर पतन के गर्त में चला जायेगा और बारी-बारी से नागरिकों के तमाम नागरिक अधिकार कुचल दिए जाएंगे, अपहृत कर लिए जाएंगे! हाल के दिनों में ज़मशेदपुर में बच्चा चोरी के ईलजाम में ज़मशेदपुर में भिड़तंत्र का कहर या पश्चीम बंगाल के 24 परगना में सौभीक सरकार के घर पर हमला हमने कोई भेद भाव नही किया बलके देश के सामने सच्चाई लाई l