इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में बूचड़खाने न होने के संबंध में दायर की गई एक याचिका पर नगर आयुक्त को तलब किया है। अदालत का कहना है कि गैर कानूनी बूचड़खाने बंद होना उचित है, लेकिन कानूनी तौर पर रजिस्टर्ड बूचड़खानों के लिए जगह का बंदोबस्त क्यों नहीं है?
खबर के मुतबिक चीफ जस्टिस डी बी भोसले और न्यायमूर्ति एम गुप्ता ने उक्त आदेश कल गोरखपुर के दिलशाद अहमद और 120 अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया है।
आवेदन में कहा गया है कि गोरखपुर में बूचड़खाने नहीं हैं, और वहाँ जगह न होने की वजह से किसी को बूचड़खाने का लाइसेंस नहीं दिया जा रहा है। आवेदन में कहा गया है कि अपनी पसंद के भोजन का सबको हक है लेकिन बूचड़खाने न होने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त को शुक्रवार 7 जुलाई को अदालत में तलब करके जवाब दाखिल करने को कहा है, कि वह बताए कि गोरखपुर में आधुनिक बूचड़खाने खोलने में क्या परेशानी है?