बीएचयू में खराब हुए माहौल को संभालने की कोशिश लगातार जारी है। बीती रात लाठीचार्ज के बाद भी रविवार सुबह से छात्र-छात्राओं का आंदोलन जारी है। इसी बीच विश्वविद्यालय को दो अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है। एमएमवी सहित कई हॉस्टलों को खाली का निर्देश दिया चुका है।
तनाव की स्थिति को देखते हुए बीएचयू में चार जिलों की भारी पुलिस फोर्स तैनात है। तमाम बड़े प्रसाशनिक पदाधिकारियों ने शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील है। बीएचयू की घटना पर सीएम योगी भी नजर रखे हुए हैं। सीएम योगी ने वाराणसी कमिश्नर से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।
इस बीच मामले पर बीएचयू के कुलपति प्रो.जीसी त्रिपाठी ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। पहली बार मीडिया के सामने आने के बाद कुलपति ने कहा है कि छात्रों को शुरुआत में शिकायत विश्वविद्यालय से थी लेकिन अब वो बात नहीं है। कुछ असमाजिक तत्व विश्वविद्यालय को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। इतना ही नहीं कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की वजह से यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस घटना में बाहरी लोग शामिल हैं।
ज्ञात रहे की इससे पहले छेड़खानी के खिलाफ बीएचयू में आंदोलन कर रही छात्राओं पर शनिवार रात पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस बात की खबर मिलते ही छात्राओं के समर्थन में दूसरे हॉस्टल के छात्र भी कूद गए और देखते ही देखते आंदोलन हिंसक हो उठा। इसमें कई छात्र घायल हो गए। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने पथराव करना शुरू कर दिया।