सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में न सिर्फ मोदी गान किया बल्कि अपने पुराने राजनीतिक सहयोगी राहुल गांधी पर भी जमकर बरसे।
एनडीटीवी की ख़बर के मुताबिक कुल 45 मिनट तक नीतीश ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की करीब-करीब हर मुद्दे पर तारीफ की और एक अच्छा सहयोगी दल का धर्म निभाया लेकिन जब बात उनके वोट बैंक से जुड़े मुसलमानों की आई तो उन्होंने थोड़ी देर तक चुप्पी साध ली।
दरअसल, जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से रोहिंग्या मुसलमानों पर केंद्र सरकार के रुख के बारे में उनकी और पार्टी की राय के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि पार्टी में अभी इस मुद्दे पर मंथन नहीं हुआ है।
हालांकि, निजी राय रखते हुए उन्होंने कहा कि वो इंसानियत के हिमायती हैं और इस पर उदारवादी रुख रखते हैं। नीतीश बहुत कुछ कहना चाहते थे लेकिन इंसानियत की बात कहकर चुप हो गए। शायद इस मसले पर चाहकर भी वो केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना नहीं कर सके।