मरी हुई गायों को बेंचता था BJP नेता, चमड़े और हड्डियों का भी करता था व्यापार

गौशाला चलाने वाला बीजेपी नेता गायों के नाम पर गायों की लाशों का कारोबार करता था । तीन-तीन गौशालाएं चलाने वाले हरीश वर्मा को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस को सनसनीखेज़ जानकारियां मिल रही हैं । हरीश वर्मा गायों के चमड़े और उनकी हड्डियां भी बेचता था।

छत्तीसगढ़ पुलिस के शिकंजे में मौजूद इस शख्स के गौशाला में लगभग 300 गायें मर गईं, इसके बाद पुलिस ने हरीश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया । राज्य गौ सेवा आयोग ने हरीश वर्मा के खिलाफ पुलिस में दर्ज शिकायत में गंभीर आरोप लगाये हैं।

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दुर्ग जिले के आईजी दीपांशु काबरा ने शनिवार को कहा कि गौ सेवा आयोग के आरोप कि हरीश वर्मा जान बूझ कर गायों को मरने छोड़ देता था और मरी हुई गायों को कसाइयों को बेच देता था, इसे जांच में सही पाया गया है । पुलिस के मुताबिक हरीश वर्मा गायों के मर जाने के बाद उनके चमड़े और हड्डियों का भी व्यापार करता था।

हरीश वर्मा को भारतीय जनता पार्टी ने 18 अगस्त को उसकी गिरफ्तारी के बाद पार्टी से निलंबित कर दिया है। हरीश वर्मा का नाम छत्तीसगढ़ की तीन गौशालाओं से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि राज्य की गौसेवा आयोग से फंड पाने के बाद भी हरीश वर्मा ने इनका इस्तेमाल गायों की देख रेख पर नहीं किया । बल्कि जानबूझकर गायों को भूखा प्यासा रखा ।

हरीश वर्मा खुद दुर्ग जिले में शगुन गौशाला चलाता था, उसकी पत्नी लक्ष्मी वर्मा पड़ोस के बेमतारा जिले में फूलचंद्र गौशाला देखती थी जबकि हरीश वर्मा का रिश्तेदार एम नारायणन बेमतारा जिले में ही मयूरी गौशाला चलाता था। गौ सेवा आयोग का कहना है कि तीनों ही गौशालाओं में करप्शन का बोलबाला था।

शगुन गौशाला में इसी महीने लगभग 200 गायें मरी हुई पाई गईं। अधिकारियों ने यहां 40 मरी हुई गायों को खुद देखा । गांव वालों का कहना है कि हरीश वर्मा तब तक कई गायों को दफना चुका था। हालांकि हरीश वर्मा का कहना है कि गौशाला की दीवार गिरने से गायों की मौत हुई है।

पुलिस ने इस मामले में तीन अलग अलग एफआईआर दर्ज की गईं हैं । इस मामले पुलिस को सात लोगों की तलाश है । एफआईआर के मुताबिक जून 2015 में स्थापित मयूरी गौशाला को अब तक सरकार से 22 लाख 64 हजार रुपये मिल चुके हैं, जबकि 2014 में शुरू की गई फूल चन्द्र गौशाला को 50 लाख रुपया मिल चुका है। और 2011 से चल रहे शगुन गौशाला को अब तक 93 लाख रुपये मिल चुके हैं। लेकिन लाखों रुपए मिलने के बावजूद बीजेपी नेता हरीश वर्मा का लालच कम नहीं हुआ और उसने गायों की लाशों का कारोबार शुरु कर दिया ।