कनाडा की डाक सेवा ने मुस्लिमों के पवित्र त्यौहार ईद अल-फित्र और ईद अल-अधा को ध्यान में रखते हुए रमजान शुरू होने से पहले एक नया स्टाम्प जारी किया है। कनाडा में 25 जून से रमजान शुरू हो रहा है जिसमें मुस्लिम सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त होने तक खाने-पीने की चीजों से बचते हैं और उपवास रखते हैं।
यहां मंगलवार को दो अलग-अलग आयोजन किए गए जहां यह स्टाम्प जारी किया गया। इसका पहला आयोजन रिचमंड हिल और दूसरा मॉन्ट्रियल में किया गया था। इस इलाकों में मुसलमानों की अच्छी-खासी आबादी है। इस स्टाम्प में गहरे ब्लू, सुनहरे और पिल्ले रंगों के समागम में इस्लामिक वास्तुकला की छवि दर्शाया गया है। स्टाम्प के बीच में अरबी में लिखा है, “ईद मुबारक”, जिसका अर्थ है “आप सबको ईद की मुबारकबाद।”
इस बार ईद अल-फ़ितर जून महीने में पड़ेगा जो कि रमजान के समापन का प्रतीक है। जबकि ईद अल-अधा पैगंबर इब्राहीम के बलिदानों का प्रतीक है। इसी दिन इब्राहिम को अपने बेटे अपने बेटे इसहाक को खुदा की राह में कुर्बान करने की आज्ञा मिली थी। इन दोनों त्योहारों में विशेष प्रकार की प्रार्थनाएं की जाती हैं, विशेष प्रकार के भोजन परोसे जाते है और प्रियजनों से मिलकर खुशियां बांटी जाती हैं।
बता दें कि इस साल की शुरुआत में कनाडा पोस्ट ने हिंदुओं के रोशनी का त्योहार दीवाली पर एक ऐसा ही डाक टिकट जारी किया था। इसके अलावा दिसंबर में डाक विभाग ने यहूदियों का त्योहार हनुक्का की अवसर पर भी टिकट जारी करने का एलान किया गया था। कनाडा सरकार का यह कार्य यहां के विविध धार्मिक परिदृश्य को दर्शाता है। यहां 50 से अधिक साल से क्रिसमस के अवसर पर स्टाम्प जारी किया जा रहा है और इसको लेकर दूसरे समूदायों ने भी मांग की थी।
यहां एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि क्रिसमस की टिकटों की परंपरा में अब ईद, दीवाली और हनुक्का जोड़ दिया गया है। यह कनाडा के विभिन्न धर्मों और रीति-रिवाजों को दर्शाता है। कनाडा में क्रिसमस को अवसर पर टिकट निकालने के अलावा, कनाडा पोस्ट ने 1997 से हर साल जनवरी में चीनी नववर्ष पर टिकट छापता है।
इसके अलावा कनाडा में 2003 से हर साल ब्लैक हिस्ट्री महीने के अवसर पर नामांकन करने वाली एक श्रृंखला भी चल रहा है। लेकिन यह पहली घटना है जब कनाडा पोस्ट ने विभिन्न धर्मों में आस्था जताते हुए वार्षिक टिकट जारी किया है। खबरों के मुताबिक, ईद मुबारक वाले इस डाक टिकट की बिक्री शुरू हो चुकी है और यह अगले तीन सालों तक जारी रहेगा।