देश की जीडीपी में तेज़ गिरावट होगी । ये बात पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह ने कही है । उन्होंने कहाकि जीएसटी और नोटबंदी का जल्दबाजी में क्रियान्वन आर्थिक प्रगति पर नकरात्मक असर जरूर डालेगा।
CNBC-TV18 के साथ इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने कहा, ”नोटबंदी और जीएसटी, दोनों का कुछ प्रभाव रहा है। जीएसटी को जल्दबाजी में लागू कर दिया गया, और अब कई सारी दिक्कतें सामने आ रही हैं। चालू वित्त वर्ष की जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई और यह वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई। पिछले साल इसी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.9 फीसदी थी।
डॉ मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के बाद संसद में कहा था कि देश की जीडीपी में दो प्रतिशत की गिरावट होगी । उन्होंने कहा था कि नोटबंदी एक ‘ऐतिहासिक आपदा, संगठित और कानूनी लूट’ है । एक बार फिर मनमोहन सिंह ने नोटबंदी और जीएसटी के जल्द क्रियान्वयन को अनौपचारिक या लघु क्षेत्र पर बुरा प्रभाव डालने वाला बताया है।
सिंह ने कहा, ”दोनों (नोटबंदी और जीएसटी) अनौपचारिक, लघु क्षेत्र पर असर डालेंगे। यही दोनों जीडीपी में गिरावट के लिए जिम्मेदार हैं। हमारा 90 फीसदी रोजगार अनौपचारिक सेक्टर में है, और 86 फीसदी मुद्रा वापस मंगाना, साथ में जीएसटी क्योंकि इसे आपने जल्दबाजी में लागू किया, मिलकर जीडीपी वृद्धि पर बुरा असर डालेंगे।”
अप्रैल में, जीएसटी बिल संसद में पास होने के बाद मनमोहन सिंह ने इसे गेम चेंजर माना लेकिन कहा कि इसे लागू करने में मुश्किलें आएंगी । वहीं 30 अगस्त को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि 500 और 1,000 रुपये के 99 फीसदी नोट बैंकिंग व्यवस्था में वापस लौट आए हैं, जिसके बाद मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठने लगे थे । क्योंकि पीएम मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के बाद से देश का कालाधन बेकार हो जाएगा लेकिन रिज़र्व बैंक के बयान के बाद से मोदी के दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं ।