SBI ने अमित शाह के दावों को बताया झूठा, कहा- ‘अर्थव्यवस्था में सुस्ती ‘तकनीकी’ नहीं सच्चाई है’

SBI रिसर्च की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब अमित शाह ने GDP के आंकड़ों में आई कमी के लिए तकनीकी वजहों को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि उन्होंने इन वजहों पर विस्तार से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ऐसे समय में इस नोट ने साफ कर दिया है कि अर्थव्यवस्था की यह स्थि‍ति तकनीकी वजहों से तो कतई नहीं है।

SBI रिसर्च ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सितंबर, 2016 से देखी जा रही मंदी सिर्फ तकनीकी मामला नहीं है बल्कि एक वास्तविकता है। एसबीआई रिसर्च के मुताबिक, मंदी से उबरने के लिए सार्वजनिक खर्च में बढ़ोतरी होनी चाहिए।

GDP की विकास दर लगातार छठवें क्वार्टर में घटी है और यह तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची है। जून क्वार्टर में जीडीपी 5.7 फीसदी पर थी। अमित शाह ने इसके लिए तकनीकी वजहों को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने दावा किया था कि विकास दर वित्त वर्ष 2014 में एनडीए की सरकार आने के बाद 7.1 फीसदी पर पहुंची थी। एसबीआई रिसर्च ने सरकार को हिदायत दी है कि अर्थव्यवस्था को बेहतर स्थिति में लाने के लिए खर्च बढ़ाया जाना चाहिए।