गोरखपुर में बीआरडी कॉलेज के हॉस्पिटल की लापरवाही के एक के बाद एक पोल खुलते जा रहे हैं, वहां सिर्फ ऑक्सीजन की कमी नहीं थी, बल्कि डॉक्टर और बेड की भी कमी थी। हॉस्पिटल पर यह भही आरोप है कि उन्होंने बच्चों की शवों को घर तक पहुंचाने के लिए उचित इन्तेजाम नहीं किया।
न्यूज 18 के मुताबिक सिद्धार्थनगर से आए राजेश ने बताया कि उनके बच्चे की मौत के बाद उसने एंबुलेंस मांगी तो कहा गया कि तुम्हारा बच्चा तो छोटा है, इसको तो टेंपो में भी लेकर जा सकते हो।
राजेश के मुताबिक वह 9 अगस्त को अपने बच्चे का इलाज करवाने के लिए आया था। उसके बच्चे की हालत बहुत खराब थी, बच्चा बुरी तरह कांप रहा था। जब राजेश ने डॉक्टरों से पूछा कि मेरे बच्चे को क्या हुआ है? तो उन्होंने कहा कि बच्चे को कुछ नहीं होगा और वह दो-चार दिन में बिल्कुल ठीक हो जाएगा। लेकिन आखिरकार बच्चे की मौत हो गई। राजेश का आरोप है कि डॉक्टर असल में उसके बच्चे की बीमारी के बारे में ठीक से पता ही नहीं लगा पाए थे।
राजेश के मुताबिक, पहले तो हॉस्पिटल वाले उसको घर जाने ही नहीं दे रहे थे। क्योंकि स्वास्थ मंत्री वहां आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे। राजेश ने यह भी आरोप लगाया कि उसने एंबुलेंस मांगी तो कहा गया कि तुम्हारा बच्चा तो छोटा है, इसको तो टेंपो में भी लेकर जा सकते हो। इसके बाद राजेश अपनी पत्नी के साथ अपने बेटे को गोदी में कपड़े से ढंककर खड़ा रहा। राजेश ने भी ऑक्सीजन की कमी की बात कही, उसके मुताबिक हॉस्पिटल में बेड और डॉक्टरों की भी कमी थी।