चीन से प्रतिस्पर्धा छोड़िए, अपने भगवान की मूर्तियां भी नहीं बना सकता भारत: अमेरिकी प्रोफेसर

भारत दुनिया की उभरती आर्थिक महाशक्तियों में से एक है। यही वजह है कि इसकी तुलना चीन से की जाती है। मगर एक अमेरिकी प्रोफेसर इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते।

वह मानते हैं कि भारत अभी तक छोटी-मोटी चीजें खुद नहीं बना पाता। चीन से प्रतिस्पर्धा की बात तो दूर, वह अपने भगवानों की मूर्तियां भी नहीं बना सकता। भारत में दुकानों पर बिकने वाली हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां चीन निर्मित होती हैं। बटन सरीखी चीजें भी चीन से भारत में आयात होती हैं, सिर्फ इसलिए कि वे सस्ती होती हैं।

यह दावा अमेरिका में न्यू जर्सी स्थित रट्जर्स बिजनेस स्कूल (Rutgers Business School) के प्रोफेसर फारक जे.कॉन्ट्रैक्टर (Farok J. Contractor) ने अपने एक लेख में किया है। उन्होंने इसमें विस्तार से बताया है कि कैसे कम कीमतों वाले सामान के मामले में चीन भारत को मात देता है। प्रोफेसर ने इसके पीछे सात प्रमुख कारण बताए हैं।

चीन में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने वाली 50 अलग-अलग कंपनियां न केवल भारत में बिकती हैं, बल्कि वे फ्रैंकफर्ट और लास वेगास के ट्रेड फेयर्स में नजर आती हैं। वे इसके अलावा क्रिस्चियन-बौध धर्म के भगवानों और महात्माओं की मूर्तियों के अलावा घर सजाने वाले सामान भी बनाते हैं। मार्केटिंग के खर्चे में कई बार यहां कर की कटौती की जाती है। कुछ मौकों पर सब्सिडी भी मिलती है।