अच्छे दिन: नोटबंदी की वजह से 1.52 लाख दिहाड़ी मजदूर हुए बेरोजगार: लेबर ब्यूरो रिपोर्ट

नई दिल्ली: लेबर ब्यूरो ने नोटबंदी को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट के मुताबित, नोटबंदी की सबसे अधिक मार दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ी है। इसमें बताया गया है कि नोटबंदी के चलते कम-से-कम 1.52 लाख दिहाड़ी मजदूरों ने अपनी नौकरीयां गवा दी हैं।

श्रम मंत्रायल के लेबर ब्यूरो की यह रिपोर्ट आईटी, ट्रांसपोर्ट और मैनुफैक्चरिंग समेत आठ सेक्टरों पर आधारित है। ब्यूरो ने ये आकंड़ें 1 अक्टूबर 2016 से लेकर 1 जनवरी 2017 के बीच गई नौकरियों के आधार पर पेश किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद जहां फुल-टाइम वर्करों की संख्या में 1.68 लाख का बढ़ोचरी हुआ है वहीं 46,000 पार्ट-टाइम मजदूरों की संख्यां में कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर से दिसंबर महीने के दौरान ठेकेदारी में 1.24 लाख और नियमित नौकरियों में 1.39 लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं दूसरी तरफ पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) में आठ सेक्टरों में 1.22 लाख की वृद्धि देखी गई है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि विनिर्माण, व्यापार, परिवहन, आईटी, बीपीओ, शिक्षा और स्वास्थ्य ने 1.23 लाख मजदूरों की वृद्धि के साथ बड़ा योगदान दिया, जबकि वहीं दूसरी ओर निर्माण क्षेत्र में भारी गिरावट आई है। आवास निर्माण और खाने-पीने के क्षेत्रों में फिलहाल कोई परिवर्तन दर्ज नहीं किया गया है।